केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक मंचों पर उजागर करने के लिए गठित "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता शशि थरूर की नियुक्ति पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। पार्टी ने इस कदम को "सस्ती राजनीति" करार देते हुए केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कांग्रेस की आपत्ति और आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना पार्टी से विचार-विमर्श किए थरूर को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया, जबकि पार्टी ने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नासिर हुसैन और अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम प्रस्तावित किए थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "सरकार गेम खेल रही है। शरारतपूर्ण मानसिकता के साथ काम कर रही है।"
थरूर की प्रतिक्रिया
शशि थरूर ने इस नियुक्ति पर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया और इसे राष्ट्रीय हित में काम करने का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वह इस मिशन को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और विदेशों में भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्य
प्रतिनिधिमंडल में शामिल अन्य प्रमुख नेताओं में सुप्रिया सुले (NCP), कनिमोई (DMK), रविशंकर प्रसाद (BJP), संजय झा (JDU), बैजयंत पांडा (BJP) और श्रीकांत शिंदे (शिवसेना) शामिल हैं। ये नेता विभिन्न देशों का दौरा कर भारत की स्थिति को वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत करेंगे।
कांग्रेस की आपत्ति और शशि थरूर की नियुक्ति को लेकर उठे विवाद ने एक बार फिर दिखाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर भी राजनीतिक मतभेद सामने आ सकते हैं। हालांकि, यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर देश के हित में कार्य करें।