17 मई 2025 को भारत की संसद के सात अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों ने दुनिया भर के मंचों पर पाकिस्तान की झूठी और भ्रामक प्रचार रणनीति का करारा जवाब दिया। इन प्रतिनिधिमंडलों ने अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई, यूरोप और अन्य वैश्विक मंचों पर जाकर भारत की स्थिति को मजबूती से प्रस्तुत किया और पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार अभियान को बेनकाब किया।
शशि थरूर अमेरिका में, ओवैसी सऊदी अरब में
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका गया, जहाँ उन्होंने अमेरिकी सांसदों और नीति-निर्माताओं से मुलाकात की। उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति, कश्मीर की सच्चाई और पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार पर ठोस तथ्यों के साथ बात की। शशि थरूर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह समझाने की कोशिश की कि पाकिस्तान अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों से ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ झूठी कहानियां फैलाता है।
वहीं एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी सऊदी अरब पहुँचे, जहाँ उन्होंने मुस्लिम देशों के नेताओं और सामाजिक संगठनों से संवाद किया। ओवैसी ने यह स्पष्ट किया कि भारत में मुस्लिमों की स्थिति सुरक्षित है और वे संविधान द्वारा मिले अधिकारों का पूरी तरह से उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सऊदी नेतृत्व को बताया कि पाकिस्तान धार्मिक कट्टरता और आतंकवाद का केंद्र बन चुका है, जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है।
सात प्रतिनिधिमंडल, एक मकसद
भारत सरकार ने यह रणनीति बहुत सोच-समझकर अपनाई है। सात सांसदीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में भेजे गए ताकि हर महाद्वीप में पाकिस्तान के झूठ का जवाब भारत की संसद के प्रतिनिधि दे सकें। इन सभी सांसदों ने अलग-अलग राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि भारत की विदेश नीति और आतंकवाद के प्रति कड़ा रुख केवल सरकार का नहीं, बल्कि पूरे देश का साझा मत है।
पाकिस्तान की चालें बेनकाब
पाकिस्तान पिछले कुछ समय से खासकर यूरोप और खाड़ी देशों में भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैला रहा था। कश्मीर पर मानवाधिकार उल्लंघन के झूठे आरोप लगाए जा रहे थे, जिसे अब भारत ने तथ्यों और प्रत्यक्ष उदाहरणों से पूरी तरह गलत सिद्ध कर दिया है।
संसद के इन प्रतिनिधिमंडलों ने यह भी बताया कि कश्मीर अब शांति और विकास की राह पर है, वहाँ निवेश बढ़ रहा है और स्थानीय जनता की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आए हैं। यह भी स्पष्ट किया गया कि धारा 370 हटाने का कदम पूरी तरह से संवैधानिक था और इसका लाभ अब कश्मीरी समाज को मिल रहा है।
भारत की विदेश नीति की परिपक्वता
यह पूरा अभियान भारत की परिपक्व और रणनीतिक विदेश नीति का उदाहरण है। भारत ने ना सिर्फ अपने मित्र राष्ट्रों को सच्चाई बताई, बल्कि यह संदेश भी दिया कि वह अपनी वैश्विक छवि को लेकर सजग और सक्रिय है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के नेताओं को साथ भेजना एक अनोखी पहल थी, जिसने यह साबित कर दिया कि जब बात देश की सुरक्षा और सम्मान की हो, तो भारत एकजुट होता है।
पाकिस्तान को झूठ बोलना आता है, लेकिन भारत को सच दिखाना आता है। सात प्रतिनिधिमंडलों की यह कूटनीतिक यात्रा भारत की एकता, लोकतांत्रिक मूल्यों और सच्चाई की ताकत का प्रतीक है। यह संदेश अब साफ़ हो चुका है — भारत ना केवल अपने घर में मजबूत है, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी अपनी बात मजबूती से कह सकता है।