पटना के बाजारों में आमों की बहार

Jitendra Kumar Sinha
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पटना के बाजारों में इन दिनों आमों की भरमार है। मालदह, जर्दालू और दशहरी जैसी लोकप्रिय किस्में हर जगह उपलब्ध हैं। लेकिन इस आमद के साथ नकली और केमिकल से पके आमों का खतरा भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, कैल्शियम कार्बाइड, एथिलीन गैस और एथीफोन जैसे केमिकल्स का उपयोग आमों को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं ।


नकली आमों की पहचान कैसे करें:

  1. रंग और चमक: केमिकल से पके आमों का रंग अक्सर एक जैसा और अत्यधिक चमकदार होता है, जबकि प्राकृतिक रूप से पके आमों में रंग का मिश्रण होता है।

  2. खुशबू: प्राकृतिक आमों में मीठी, फ्रूटी खुशबू होती है, जबकि नकली आमों से केमिकल जैसी गंध आ सकती है।

  3. स्पर्श: प्राकृतिक आमों को दबाने पर वे थोड़े सख्त महसूस होते हैं, जबकि केमिकल से पके आमों में अत्यधिक नरमी हो सकती है।

  4. पानी परीक्षण: एक बाल्टी पानी में आम डालें। यदि आम नीचे डूबता है, तो वह प्राकृतिक रूप से पका है; यदि वह तैरता है, तो संभवतः वह केमिकल से पका है।

  5. स्वाद: नकली आमों का स्वाद फीका या अजीब हो सकता है, जबकि प्राकृतिक आमों का स्वाद मीठा और संतुलित होता है।


स्वास्थ्य पर प्रभाव:

केमिकल से पके आमों का सेवन सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी, लिवर और किडनी डैमेज जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है ।


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