भारत में हाल ही में एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, पोस्टग्रेजुएट छात्र देवेंद्र सिंह ढिल्लों, और यूपी के व्यापारी शाहज़ाद शामिल हैं। गिरफ्तारियां पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हुई हैं, और इन पर संवेदनशील जानकारी लीक करने, सीमा पार तस्करी में शामिल होने और दुश्मन की मदद करने का आरोप है।
ज्योति मल्होत्रा, एक लोकप्रिय यूट्यूबर, पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहकर संवेदनशील स्थानों की यात्रा की और वहां से वीडियो साझा किए। उनकी यात्राओं में कश्मीर और लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्र शामिल हैं। उनके सोशल मीडिया खातों की जांच की जा रही है, और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की धाराओं 3 और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
देवेंद्र सिंह ढिल्लों, एक पोस्टग्रेजुएट छात्र, और शाहज़ाद, एक व्यापारी, पर भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। इनके अलावा, हरियाणा के मेवात जिले के कांगड़का गांव के निवासी मोहम्मद तारीफ को भी गिरफ्तार किया गया है, जिन पर पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों को भारतीय सिम कार्ड और संवेदनशील जानकारी प्रदान करने का आरोप है।
इन गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत में विभिन्न सामाजिक और पेशेवर पृष्ठभूमियों के लोगों को अपने नेटवर्क में शामिल किया है। यह एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय है, और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
यह मामला दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया और व्यक्तिगत संपर्कों के माध्यम से दुश्मन देश के लिए जासूसी की जा सकती है। इसलिए, नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को देने की आवश्यकता है।