इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में घोषणा की है कि इज़राइल गाज़ा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेगा। इस कदम के जवाब में, ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इज़राइल की सैन्य कार्रवाई और मानवीय सहायता की नाकेबंदी की कड़ी आलोचना की है, और चेतावनी दी है कि यदि इज़राइल अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तो वे "ठोस कार्रवाई" करेंगे।
नेतन्याहू की योजना और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
नेतन्याहू ने कहा है कि गाज़ा पर नियंत्रण स्थापित करना आवश्यक है ताकि हमास के खिलाफ लड़ाई में सफलता प्राप्त की जा सके। हालांकि, ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा ने इस योजना को अस्वीकार कर दिया है और इसे अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के उल्लंघन के रूप में देखा है। इन देशों ने संयुक्त रूप से कहा है कि गाज़ा में मानवीय स्थिति असहनीय हो गई है और इज़राइल को तुरंत अपनी सैन्य कार्रवाई रोकनी चाहिए और मानवीय सहायता की अनुमति देनी चाहिए।
मानवीय संकट और सहायता की आवश्यकता
गाज़ा में लगभग 2 मिलियन लोग मानवीय संकट का सामना कर रहे हैं। इज़राइल द्वारा की गई नाकेबंदी के कारण भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति की भारी कमी हो गई है। हाल ही में, अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते इज़राइल ने कुछ मानवीय सहायता की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों का कहना है कि यह सहायता अपर्याप्त है।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
नेतन्याहू ने ब्रिटेन, फ्रांस और कनाडा की आलोचना को खारिज करते हुए कहा है कि ये देश हमास के आतंकवादी हमलों को "इनाम" दे रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इज़राइल अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और गाज़ा पर नियंत्रण स्थापित करेगा।
गाज़ा में स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चेतावनियों के बावजूद, इज़राइल अपनी सैन्य कार्रवाई जारी रखे हुए है। मानवीय संगठनों का कहना है कि यदि तुरंत सहायता नहीं पहुंचाई गई, तो गाज़ा में एक बड़ी मानवीय त्रासदी हो सकती है।
इस संकट का समाधान केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग और संवाद के माध्यम से ही संभव है। सभी पक्षों को मिलकर एक स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में काम करना चाहिए।