22 मई 2025 को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की कट्टर धार्मिक सोच को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुनीर की विचारधारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की प्रेरणा बनी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की धर्म पूछकर हत्या की गई।
जयशंकर ने एक डच चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "आतंकी हमलावरों ने हिंदू धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाया। उनकी आस्था का पता लगाने के बाद 26 लोगों की उनके परिवारों के सामने हत्या कर दी गई। यह जानबूझकर धार्मिक मतभेद पैदा करने के लिए किया गया।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान की नेतृत्व, विशेषकर सेना प्रमुख की कट्टरपंथी सोच, इस प्रकार के हमलों के लिए जिम्मेदार है।
इससे पहले, 16 अप्रैल को जनरल मुनीर ने इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन में कश्मीर को "हमारी गले की नस" बताया था और पाकिस्तानी लोगों से आग्रह किया था कि वे अपने बच्चों को यह याद दिलाएं कि वे हिंदुओं से अलग हैं।
पाकिस्तान के लिए यह बयान एक और अंतरराष्ट्रीय आलोचना का कारण बन सकता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि पाकिस्तान की सेना प्रमुख की विचारधारा आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देती है।
इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत पाकिस्तान के नेतृत्व की कट्टरपंथी सोच को लेकर गंभीर चिंताओं में है, जो क्षेत्रीय सुरक्षा और शांति के लिए खतरा उत्पन्न करती है।