भारतीय सेना ने हाल ही में राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में स्वदेशी 'पिनाका' मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) प्रणाली का सफल परीक्षण किया। यह परीक्षण भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और लंबी दूरी की सटीक स्ट्राइक क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पिनाका प्रणाली: स्वदेशी शक्ति का प्रतीक
'पिनाका' प्रणाली रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई है और यह भारतीय सेना की तोपखाने क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस प्रणाली की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
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तेज फायरिंग क्षमता: पिनाका प्रणाली 44 सेकंड में 12 रॉकेट्स की सल्वो फायरिंग कर सकती है, जिससे 700x500 मीटर के क्षेत्र को कवर किया जा सकता है।
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विस्तारित रेंज: मूल Mk-I संस्करण की रेंज 38 किमी थी, जिसे Mk-II और विस्तारित रेंज संस्करणों में बढ़ाकर 60 किमी और 75 किमी तक किया गया है।
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सटीकता में सुधार: नवीनतम Mk-II विस्तारित रेंज (ER) संस्करण में GPS और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (INS) एकीकृत किए गए हैं, जिससे लक्ष्य पर सटीक प्रहार सुनिश्चित होता है।
पोखरण परीक्षण: परिचालन तत्परता का प्रदर्शन
पोखरण फायरिंग रेंज में हाल ही में हुए परीक्षणों में भारतीय सेना ने पिनाका प्रणाली की परिचालन तत्परता और सटीकता का प्रदर्शन किया। इन परीक्षणों में Mk-II ER संस्करण का उपयोग किया गया, जो 90 किमी तक के लक्ष्यों को सटीकता से भेदने में सक्षम है।
भविष्य की योजनाएं: रेंज और सटीकता में और सुधार
DRDO और भारतीय सेना पिनाका प्रणाली की क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। भविष्य के संस्करणों में रेंज को 120 किमी, 150 किमी और यहां तक कि 200 किमी तक बढ़ाने की योजना है। इसके अलावा, प्रणाली को डिजिटल युद्धक्षेत्र अवसंरचना के साथ एकीकृत किया जा रहा है, जिससे यह निगरानी ड्रोन, टोही प्लेटफॉर्म और पारंपरिक तोपखाने प्रणालियों के साथ वास्तविक समय में समन्वय कर सके।
अंतरराष्ट्रीय रुचि: वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की उपस्थिति
पिनाका प्रणाली की क्षमताओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। फ्रांसीसी सेना के अधिकारियों ने हाल ही में इस प्रणाली में रुचि दिखाई है, जो भारत की रक्षा उत्पादन क्षमताओं की वैश्विक मान्यता को दर्शाता है।
पोखरण में पिनाका प्रणाली का सफल परीक्षण भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। यह प्रणाली न केवल भारतीय सेना की तोपखाने क्षमताओं को बढ़ा रही है, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजार में भारत की उपस्थिति को भी मजबूत कर रही है।

