जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र, भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय (MHA) ने 7 मई को देशभर के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है, जिसका उद्देश्य संभावित आपात स्थितियों में नागरिकों की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना है।
मॉक ड्रिल के प्रमुख घटक
गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मॉक ड्रिल में निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल होंगी:
हवाई हमले की चेतावनी सायरनों का संचालन: संभावित हवाई हमलों के प्रति नागरिकों को सतर्क करने के लिए सायरनों का परीक्षण और संचालन किया जाएगा।
नागरिकों और छात्रों का प्रशिक्षण: बुनियादी नागरिक सुरक्षा तकनीकों, जैसे आत्म-संरक्षण, प्राथमिक चिकित्सा, और आपातकालीन प्रतिक्रिया में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
ब्लैकआउट अभ्यास: रात के समय संभावित हवाई हमलों से बचाव के लिए शहरों में सभी रोशनियों को बंद करने का अभ्यास किया जाएगा।
महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का छद्मावरण: संचार टावरों, ऊर्जा संयंत्रों, और सरकारी भवनों जैसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को छिपाने के उपाय किए जाएंगे।
निकासी योजनाओं का अभ्यास: उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों तक लोगों को स्थानांतरित करने की योजनाओं का परीक्षण और अद्यतन किया जाएगा।
संचार प्रणालियों का परीक्षण: भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संचार लिंक की कार्यक्षमता का मूल्यांकन किया जाएगा।
नागरिक सुरक्षा सेवाओं की सक्रियता: वार्डन सेवाओं, अग्निशमन, बचाव कार्यों, और नियंत्रण कक्षों की प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण किया जाएगा।
बंकरों और खाइयों की सफाई: आपातकालीन आश्रयों की स्थिति का मूल्यांकन और आवश्यक मरम्मत कार्य किए जाएंगे।
इन अभ्यासों में जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा वार्डन, होम गार्ड्स, राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के सदस्य, और स्कूल-कॉलेज के छात्र भाग लेंगे।
पृष्ठभूमि और उद्देश्य
यह मॉक ड्रिल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव के संदर्भ में आयोजित की जा रही है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूहों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
गृह मंत्रालय का यह कदम नागरिकों को संभावित आपात स्थितियों के लिए तैयार करने और उनकी प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे पहले, 4 मई को पंजाब के फिरोजपुर छावनी क्षेत्र में 30 मिनट का ब्लैकआउट अभ्यास भी किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठकों का आयोजन किया है और हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने का संकल्प लिया है।
इस मॉक ड्रिल के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नागरिक आपात स्थितियों में घबराए नहीं, बल्कि प्रशिक्षित और तैयार रहें, जिससे जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सके।