सूडान के पूर्वी रेगिस्तान में, नील नदी के किनारे स्थित मेरोवे के पिरामिड । यह पिरामिड अफ्रीका की, एक भूली-बिसरी समृद्ध सभ्यता की कहानी कहता हैं। लगभग 200 पिरामिडों का यह समूह, मेरेओटिक साम्राज्य के राजाओं और रानियों की अंतिम विश्रामस्थली है।
मेरेओटिक साम्राज्य के राजाओं और रानियों ने करीब 1000 वर्षों तक इस क्षेत्र पर राज किया था। पत्थर और ग्रेनाइट से बने इन पिरामिडों में भित्तिचित्रों और शिलालेखों के जरिए शाही जीवन की झलक मिलती है।
यह पिरामिड, मिश्र के गीजा पिरामिडों जितने विशाल नहीं हैं, फिर भी यह नूबियन पिरामिड सांस्कृतिक दृष्टि से उतने ही प्रभावशाली हैं। आज रेत के तूफान और जलवायु परिवर्तन से यह स्थल जूझ रहा है।
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