बिहारवासियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। रेल मंत्रालय ने रक्सौल से कोलकाता तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना को मंजूरी दे दी है। यह ट्रेन मुजफ्फरपुर, जो कि बिहार का एक प्रमुख रेलवे जंक्शन है, होते हुए कोलकाता पहुंचेगी। इससे न केवल बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच की दूरी कम होगी, बल्कि यात्रियों को तेज, सुविधाजनक और आधुनिक रेल सेवा का लाभ भी मिलेगा।
रक्सौल: भारत-नेपाल सीमा का प्रमुख प्रवेश द्वार
रक्सौल जंक्शन, जो पूर्वी चंपारण जिले में स्थित है, भारत-नेपाल सीमा पर एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा है, बल्कि नेपाल के बीरगंज शहर से भी सीधे संपर्क में है। रक्सौल से पहले ही कई महत्वपूर्ण ट्रेनें चल रही हैं, जैसे कि सत्याग्रह एक्सप्रेस और मिथिला एक्सप्रेस, जो यात्रियों को दिल्ली, कोलकाता और अन्य प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं।
मुजफ्फरपुर जंक्शन: बिहार का प्रमुख रेलवे केंद्र
मुजफ्फरपुर जंक्शन बिहार का एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जहां से प्रतिदिन लगभग 155-160 ट्रेनें गुजरती हैं। यह स्टेशन न केवल बिहार के विभिन्न हिस्सों से जुड़ा है, बल्कि देश के अन्य प्रमुख शहरों से भी सीधा संपर्क रखता है। मुजफ्फरपुर से पहले ही सप्त क्रांति एक्सप्रेस, स्वतंत्र सेनानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस और अन्य महत्वपूर्ण ट्रेनें चल रही हैं।
वंदे भारत एक्सप्रेस: आधुनिकता और गति का संगम
वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की एक अत्याधुनिक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है, जो यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करती है। इस ट्रेन में आधुनिक सुविधाएं जैसे कि स्वचालित दरवाजे, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली, बायो-वैक्यूम शौचालय और आरामदायक सीटें उपलब्ध हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत से बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रा का समय कम होगा और यात्रियों को बेहतर सेवा मिलेगी।
संभावित मार्ग और लाभ
रक्सौल से कोलकाता तक वंदे भारत एक्सप्रेस का संभावित मार्ग रक्सौल → मुजफ्फरपुर → पटना → गया → कोलकाता हो सकता है। इस मार्ग से न केवल बिहार के प्रमुख शहरों को कोलकाता से जोड़ा जाएगा, बल्कि नेपाल के यात्रियों को भी कोलकाता तक सीधी और तेज सेवा मिलेगी। यह ट्रेन व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी।
रक्सौल से कोलकाता तक वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच एक नई यात्रा क्रांति की शुरुआत होगी। इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सेवा मिलेगी, बल्कि दोनों राज्यों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत होंगे। रेल मंत्रालय की यह पहल निश्चित रूप से क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।