आज भी ला-ईलाज है - स्पोअन सिंड्रोम

Jitendra Kumar Sinha
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ब्राजील की ऊंची-नीचीं पहाड़ियों के बीच, उत्तर के सुदूर हिस्से में बसा है 'सेरिन्हा दोस पिंटोस'। छोटा सा गांव, आबादी मुश्किल से 5000 होगी। कुछ वर्ष पहले तक, कोई नहीं जानता था कि क्यों यहां के बच्चे धीरे-धीरे चलना छोड़ देते हैं, फिर बोलना, और आखिर में चलती सांसें भी थम जाती हैं। 

sutron के अनुसार, 'सेरिन्हा दोस पिंटोस' गांव का रहस्य तब सुलझा जब साओ पाउलो की जेनेटिक विशेषज्ञ सिलवाना सेंटोस यहां पहुंचीं। इसी गांव के उनके ब्राजीलियाई पड़ोसी ने उन्हें बताया था कि उनके गांव में कई लोग हैं जो चल नहीं सकते, लेकिन कोई नहीं जानता कि क्यों।

जेनेटिक विशेषज्ञ सिलवाना सेंटोस  ने 'सेरिन्हा दोस पिंटोस' गांव पहुंचकर घर-घर जाकर नमूने लिए तो दुर्लभ बीमारी स्पोअन सिंड्रोम बीमारी का पता चला, यह बीमारी तब होती है जब माता-पिता में एक खास म्यूटेटेड जीन होता है। गांव में करीब 30 प्रतिशत जोड़े आपस में रिश्तेदार थे और यही बीमारी की मूल वजह थी।

जेनेटिक विशेषज्ञ सिलवाना सैंटोस की खोज इस बीमारी को दुनिया की नजरों में लेकर आई। आज भी स्पोअन सिंड्रोम बीमारी का कोई इलाज नहीं है और 'सेरिन्हा दोस पिंटोस' गांव आज भी अपने दर्द को ढो रहा है। 

स्पोअन सिंड्रोम बीमारी एक जेनेटिक दोष है, जिससे मस्तिष्क की कोशिकाएं, एक खास तरह का प्रोटीन जरूरत से ज्यादा पैदा करने लगती हैं, और जिससे धीरे-धीरे शरीर की सारी गतिविधियां ठप होने लगती हैं। 'सेरिन्हा दोस पिंटोस' गांव में लोग रिश्तेदारों के बीच शादी करने की परंपरा आम है, और इसी वजह से यह बीमारी एक पीढ़ी से दूसरी में जाती रहती है।

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