अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को पेंसिल्वेनिया के वेस्ट मिफ्लिन में यूएस स्टील प्लांट में एक रैली के दौरान विदेशी इस्पात और एल्यूमीनियम आयात पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने की घोषणा की। यह नया टैरिफ 4 जून से प्रभावी होगा।
ट्रंप ने इस कदम को अमेरिकी इस्पात उद्योग और नौकरियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, "25% टैरिफ से विदेशी प्रतियोगी हमारी दीवार को पार कर सकते हैं, लेकिन 50% पर वे अब इसे पार नहीं कर पाएंगे।"
इस घोषणा के साथ ही ट्रंप ने जापान की निप्पॉन स्टील द्वारा यूएस स्टील में $14.9 बिलियन के निवेश की भी सराहना की। उन्होंने इसे एक "ब्लॉकबस्टर" सौदा बताया, जो अमेरिकी इस्पात उद्योग को मजबूत करेगा और अमेरिकी नियंत्रण सुनिश्चित करेगा।
हालांकि, यूनाइटेड स्टीलवर्कर्स यूनियन ने इस सौदे पर राष्ट्रीय सुरक्षा और नौकरियों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। कुछ स्थानीय यूनियन नेताओं ने इसे संयंत्रों के पुनरुद्धार के लिए महत्वपूर्ण बताया है।
ट्रंप की इस घोषणा के बाद, अमेरिकी स्टील उत्पादकों के शेयरों में तेजी देखी गई, जबकि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस कदम की आलोचना की है। कनाडा के चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इसे उत्तर अमेरिकी आर्थिक सुरक्षा और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए हानिकारक बताया है।
यह टैरिफ वृद्धि ट्रंप के "लिबरेशन डे" टैरिफ के तहत आती है, जिसमें उन्होंने 60 से अधिक देशों पर उच्च टैरिफ लगाए थे। हालांकि, एक अमेरिकी अदालत ने हाल ही में इन टैरिफ को अवैध घोषित किया है, लेकिन स्टील टैरिफ पर यह निर्णय लागू नहीं होता।
ट्रंप की यह नीति आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, विशेष रूप से पेंसिल्वेनिया जैसे औद्योगिक राज्यों में, जहां इस्पात उद्योग एक प्रमुख मुद्दा है।
इस कदम से अमेरिका में इस्पात पर निर्भर उद्योगों, जैसे कि आवास, मोटर वाहन और निर्माण क्षेत्र, की लागत बढ़ सकती है, लेकिन ट्रंप का मानना है कि यह अमेरिकी निर्माण और रोजगार के लिए आवश्यक है।
इस घोषणा के साथ, ट्रंप ने स्पष्ट संकेत दिया है कि उनका प्रशासन अमेरिकी उद्योगों की सुरक्षा के लिए आक्रामक व्यापार नीतियों को जारी रखेगा।