बिहार पुलिस में सिपाही के 19,838 पदों पर बहाली के लिए मार्च 2025 में विज्ञापन संख्या 1/2025 के तहत आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। इस बहाली में राज्यभर के लाखों युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अनुसार, अब तक कुल 17 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
हाल ही में पर्षद ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए कुल 33,042 आवेदन रद्द कर दिया हैं। इनमें मुख्यतः तीन प्रकार की श्रेणियां हैं, जिसमें 20,940 आवेदन अभ्यर्थियों ने स्वयं वापस ले लिया है, 10,947 आवेदन केवल पंजीकरण तक सीमित रहा और अंतिम रूप से सबमिट नहीं हुआ और 1,155 आवेदन तकनीकी कारणों से रद्द किया गया, जिनमें फोटो, हस्ताक्षर और जेंडर जैसी गलतियां प्रमुख थी। इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता और नियमों के तहत किया गया है ताकि योग्य उम्मीदवारों को ही आगे मौका मिल सके।
चयन पर्षद ने यह स्पष्ट किया है कि अब केवल वही आवेदन स्वीकार किया जाएगा जो अंतिम रूप से सबमिट किया गया है और जिनमें कोई तकनीकी खामी नहीं है। उन्हीं अभ्यर्थियों को आगामी चरणों में, शारीरिक दक्षता परीक्षा और लिखित परीक्षा, के लिए प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा।
इस बहाली प्रक्रिया में मुख्य रूप से दो चरण होंगे। पहले चरण में शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) होगी, इसमें दौड़, लंबी कूद, गोला फेंक जैसी गतिविधियां शामिल है। दूसरे चरण में लिखित परीक्षा होगी, जिसमें अभ्यर्थियों के सामान्य ज्ञान, तार्किक क्षमता और मौलिक योग्यता की जांच की शामिल है। दोनों परीक्षाओं में सफल अभ्यर्थियों को ही अंतिम रूप से नियुक्ति किया जाएगा।
इतनी बड़ी संख्या में आवेदन रद्द होना एक कठोर निर्णय है लेकिन जरूरी कदम माना जा रहा है। इससे यह संदेश गया है कि बिहार पुलिस भर्ती में अब पहले से कहीं अधिक पारदर्शी और नियमबद्ध होगा। चयन पर्षद की यह पहल उन अभ्यर्थियों के लिए भी प्रेरणादायक है जो नियमों का पालन करते हुए सही तरीके से आवेदन करते हैं।
बिहार पुलिस सिपाही बहाली की प्रक्रिया में 33 हजार से अधिक आवेदन रद्द होना एक स्पष्ट संदेश है कि अब गलतियों की कोई गुंजाइश नहीं है। योग्य और नियमों का पालन करने वाले अभ्यर्थियों को ही यह सुनहरा अवसर मिलेगा। यह भर्ती केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि राज्य की सुरक्षा में भागीदारी का माध्यम है।