प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 की चुनावी सभा में, बिहार को 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की घोषणा किया था। इसके बाद, बीच के वर्षों में भी कुछ अतिरिक्त पैकेज की भी घोषणा किया था। बिहार सरकार के प्रयासों से इन पैकेजों की अधिकांश घोषणाएं पूरी हो गईं हैं। बिहार को सड़क, रेल से लेकर हवाई परिवहन तक में नई रफ्तार मिली है।
पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा सड़क परिवहन मंत्रालय से संबंधित था, जिसके तहत 2 हजार 836 किमी लंबी सड़क का जाल बिछाने के लिए 74 प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी। इसकी लागत राशि 51 हजार 540 करोड़ रुपये है। इसमें 44 सड़क परियोजनाओं का काम पूरा हो गया है। इससे राज्य में 1 हजार 304 किमी नई सड़कें बनी है और इस पर 14 हजार 898 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है। इसमें कुछ बड़ी सड़क परियोजनाएं भी शामिल हैं।
बड़ी सड़क परियोजना में एनएच-19 के अंतर्गत 1742 करोड़ रुपये खर्च कर, महात्मा गांधी सेतू का फिर से निर्माण और पुनर्वास कार्य, एचएच-83 के तहत 1680 करोड़ रुपये खर्च कर, पटना-गया-डोभी सड़क का निर्माण, 1063 करोड़ रुपये खर्च कर एनएच-31 पर सिमरिया- खगड़िया 4 लेन सड़क निर्माण, 750 करोड़ रुपये खर्च कर कईलवर-भोजपुर 4 लेन का निर्माण, 595 करोड़ रुपये खर्च कर 4 लेन भोजपुर-बक्सर एनएच-84 पर निर्माण कराया गया है।
राज्य सरकार के 22 सड़क परियोजनाओं का कार्य अभी जारी है। सड़क परिवहन पैकेज के तहत जिनका निर्माण कार्य केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की देखरेख में जारी है। 1 हजार 57 किमी लंबी इन सड़कों के निर्माण पर 25 हजार 933 करोड़ रुपये का खर्च हो रहा है। इनमें 11 परियोजनाओं का कार्य चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक समाप्त हो जाएगा। इसी तरह वित्तीय वर्ष 2027-28 तक सभी 22 सड़क परियोजनाओं का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त पांच ऐसी परियोजनाएं भी हैं, जिसकी जल्द शुरुआत होने जा रही है। 271 किमी लंबी इस परियोजना की लागत 5 हजार 797 करोड़ रुपये है। दो परियोजनाएं ऐसी भी हैं, जो मंजूरी के स्तर पर हैं। जल्द ही इनकी मंजूरी मिलने के बाद कार्य शुरू हो जाएगा। इन सड़क परियोजनाओं में शुमार सोनबर्षा और रक्सौल सड़क परियोजना को स्थगित कर दिया गया है। इसकी वजह रक्षा मंत्रालय के स्तर से भारत-नेपाल सीमा पर बन रही सीमावर्ती सड़क परियोजना में यह क्षेत्र शामिल है।
जिन 22 परियोजनाओं का कार्य जारी है, उसमें महात्मा गांधी सेतू के समानांतर 4 लेन का पुल, पटना-कोईलवर 4 लेन सड़क, उमगांव-सहरसा सड़क के साथ ही कोसी पर पुल, मुंगेर-मिर्जाचौकी 4 लेन सड़क, गंगा नदी पर बन रहा विक्रमशीला सेतू समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं।
बिहार पैकेज का दूसरा मुख्य हिस्सा रेलवे से जुड़ी 9 परियोजनाएं हैं, जिनमें 5 का काम पूरा हो गया है और 4 का काम जल्द पूरा होने जा रहा है। अब तक 4 हजार 841 करोड़ रुपये खर्च करके 652 किमी रेल लाइन का निर्माण या दोहरीकरण कार्य हो चुका है। जबकि, 466 किमी की चार परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिस पर 7 हजार 736 करोड़ रुपये की लागत आ रही है। जिन प्रमुख रेल परियोजनाओं इस वर्ष के अंत तक पूरा होने की संभावना है, उसमें किउल-गया लाइन का दोहरीकरण, समस्तीपुर- दरभंगा के बीच दोहरीकरण, धनबाद-सोननगर के बीच तीसरी लाइन और रामपुर डुमरा टाल लाइन का दोहरीकरण एवं राजेंद्र पुल का निर्माण कार्य शामिल है।
राजधानी पटना के अलावा अन्य शहरों को भी हवाई मार्ग से जोड़ते हुए बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से 5 शहरों में एयरपोर्ट निर्माण की मंजूरी दी गई है। इसमें पटना के अतिरिक्त बिहटा, गया, रक्सौल और पूर्णिया में हवाई अड्डा का निर्माण शामिल है।
पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के पुनरउद्धार का कार्य 1 हजार 216 करोड़ रुपये खर्च कर किया गया है। इसके नए भवन से लेकर टर्मिनल तक का निर्माण कराया गया है। इसी तरह 68 करोड़ 72 लाख रुपये खर्च करके गयाजी एयरपोर्ट को भी विकसित किया गया है। जबकि, बिहटा और पूर्णिया में निर्माण कार्य शुरू होने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने पटना हवाईअड्डा के नए टर्मिनल के उद्घाटन के साथ ही बिहटा एयरपोर्ट के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया है। पूर्णिया हवाई अड्डे का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की संभावना है। रक्सौल में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। इसके बाद यहां भी निर्माण कार्य शुरू होगा।