कोल इंडिया ने किया बदलाव - अब कर्मचारियों को पहनना होगा ड्रेस - जुलाई से होगा ड्रेस कोड लागू

Jitendra Kumar Sinha
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कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited - CIL) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक और अनुशासित कदम उठाते हुए 'ड्रेस कोड' लागू करने का निर्णय लिया है। कंपनी के निदेशक मंडल ने हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया love है, जो आगामी जुलाई महीने से प्रभावी हो जाएगा। यह कदम कंपनी के अंदर अनुशासन, एकरूपता और पेशेवर माहौल को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

अब तक कोल इंडिया के कर्मचारी सामान्यतः अपनी सुविधा और अपनी पसंद के अनुसार, कार्यालय परिधान पहनते रहे हैं। लेकिन अब इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए कंपनी ने पुरुष और महिला, दोनों के लिए एक विशिष्ट वर्दी निर्धारित कर दिया है। पुरुष कर्मचारियों को गहरे नीले रंग की पैंट और हल्के आसमानी (स्काई ब्लू) रंग की शर्ट पहननी होगी। वहीं, महिला कर्मचारियों को हल्के आसमानी रंग का कुर्ता, गहरे नीले रंग का सलवार और दुपट्टा पहनना अनिवार्य होगा। यदि कोई महिला कर्मचारी साड़ी पहनना पसंद करती है तो उसके लिए विकल्प के तौर पर हल्के आसमानी रंग का साड़ी, जिस पर गहरे नीले रंग का बॉर्डर हो, और साथ में गहरे नीले रंग का ब्लाउज पहनना होगा।

इस निर्णय के पीछे कोल इंडिया की मंशा है कि संगठन के भीतर एकरूपता का माहौल बने, जिससे कर्मचारियों में संगठनात्मक एकता की भावना विकसित हो। साथ ही, यह पहल कर्मचारियों को पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने, कार्यस्थल पर अनुशासन बनाए रखने और उनकी पहचान को एकीकृत रूप में प्रस्तुत करने में सहायक होगी। सरकारी और निजी क्षेत्रों में कई संस्थान पहले ही ड्रेस कोड लागू कर चुके हैं, जिससे कर्मचारियों में एक सामूहिक पहचान विकसित होता है। अब कोल इंडिया भी इसी दिशा में आगे बढ़ गया है।

ड्रेस कोड के इस निर्णय को लेकर कर्मचारियों के बीच मिलाजुला भाव देखने को मिल रहा है। कुछ कर्मचारी इसे संगठनात्मक अनुशासन और गर्व की भावना से जोड़कर देख रहा है, वहीं कुछ कर्मचारियों का मानना है कि ड्रेस कोड से व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा मौसम, कार्यस्थल की प्रकृति और कार्यों की विविधता को ध्यान में रखते हुए, कई लोगों ने इसके व्यावहारिक पक्ष पर भी चर्चा किया है।

प्रबंधन का कहना है कि यह कदम कर्मचारियों के हित में और संगठन की पहचान को सशक्त करने के लिए उठाया गया है। समय के साथ, इस नए बदलाव के लाभ स्पष्ट रूप से सामने दिखेगा। ड्रेस कोड सिर्फ एक कपड़े की व्यवस्था नहीं है, बल्कि एक संस्कृति का प्रतीक है, जो एक बड़ी टीम को एक साझा पहचान और गौरव की भावना से जोड़ता है।



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