पटना के दानापुर में वर्षों से एक टुकड़ा जमीन के लिए संघर्ष कर रहे 165 भूमिहीन परिवारों के चेहरों पर आखिरकार मुस्कान लौट आई, जब मंगलवार को स्थानीय प्रशासन द्वारा उन्हें तीन-तीन डिसमिल जमीन का पर्चा सौंपा गया। यह कार्यवाही पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई है, जिससे रूपसपुर नहर और पाटलिपुत्र जंक्शन के किनारे बसे भूमिहीन परिवारों को राहत मिली है।
सीओ चंदन कुमार और प्रमुख वंदना राय की देखरेख में विशेष शिविर आयोजित कर जमीन के पर्चे वितरण किया गया है। शिविर में कुल 165 लाभार्थी परिवारों को चिन्हित कर, उन्हें आधिकारिक रूप से भूमि अधिकार का प्रमाणपत्र सौंपा गया है। इनमें विमल देवी, मीना देवी, राजकुमारी देवी और पूजा देवी जैसे नाम शामिल हैं, जो वर्षों से अस्थायी झोपड़ियों में जीवन बिता रही थी।
सीओ चंदन कुमार ने बताया है कि यह प्रक्रिया पटना हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप और जिला पदाधिकारी के निर्देशों के तहत संपन्न किया गया है। रूपसपुर नहर किनारे तथा पाटलिपुत्र जंक्शन के समीप बसी झुग्गी बस्तियों का विस्तृत सर्वे कर पात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की गई थी।
उक्त क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की मुहिम भी तेज कर दी गई है। नहर किनारे और रेलवे स्टेशन के आसपास बसी झुग्गियों को हटाने की कार्रवाई प्रशासन द्वारा प्रारंभ किया जा चुका है। इस क्रम में कई परिवारों की झोंपड़ियाँ ध्वस्त की गईं हैं, जिससे कुछ प्रभावित परिवारों में आक्रोश भी देखने को मिला है।
कुछ लाभार्थियों ने शिकायत भी की है कि उनके आश्रयस्थल तोड़ दिया गया है, लेकिन अब तक उन्हें जमीन का पर्चा नहीं मिला है। प्रशासन से पारदर्शिता और न्यायसंगत वितरण की मांग किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र परिवार वंचित न रह जाए।
तमाम चुनौतियों और शिकायतों के बीच यह पहल उन सैकड़ों भूमिहीन परिवारों के लिए आशा का किरण है जो अब तक एक स्थायी छत के लिए तरसते रहे हैं। जमीन के पर्चे मिलने के बाद अब यह परिवार न सिर्फ कानूनी रूप से सुरक्षित होंगे, बल्कि सरकारी योजनाओं के तहत उन्हें पक्का मकान, शौचालय, बिजली और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी लाभ मिलने की संभावना बढ़ गया है।