प्राचीन मिस्र अपने पिरामिडों, स्फिंक्स और अद्भुत स्थापत्य चमत्कारों के लिए सदियों से दुनियाभर के शोधकर्ताओं, इतिहासकारों और पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है। लेकिन हाल ही में गिजा पठार (Giza Plateau) के पास रेगिस्तानी रेत के नीचे मिली रहस्यमयी सीढ़ियों की खोज ने फिर से इस भूमि को चर्चा के केंद्र में ला दिया है।
गिजा पठार के दक्षिणी हिस्से में पुरातत्वविदों की एक टीम ने खोज की है कि वहाँ की रेत में कई सीढ़ीदार संरचनाएं छिपी हुई थीं, जो अब तक नजरों से ओझल थीं। ये सीढ़ियां मुख्यतः चूना पत्थर की सख्त चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं, और इनकी निर्माण शैली मिस्र की प्राचीन इंजीनियरिंग दक्षता को दर्शाती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन सीढ़ियों का निर्माण केवल दिखावे के लिए नहीं किया गया था, बल्कि ये किसी विशिष्ट कार्य या उद्देश्य की पूर्ति के लिए बनाई गई थीं। क्या यह भूमिगत समाधियों तक जाने का रास्ता था? या फिर किसी गुप्त सुरंग की ओर इशारा कर रहा हैं? यह रहस्य अभी खुला है।
कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह खोज मिस्र की ज्ञात सभ्यता से भी पुरानी किसी अन्य सभ्यता के प्रमाण हो सकता हैं। यदि यह सत्य सिद्ध होता है, तो यह इतिहास के पन्नों में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
गिजा पहले ही खुफू, खाफरे और मेनकौर जैसे विशाल पिरामिडों के लिए प्रसिद्ध है, जिनकी बनावट और उद्देश्य पर अब तक बहस चल रही है। अब इन सीढ़ियों की खोज ने फिर से उस विचार को बल दिया है कि गिजा की रेत में अभी बहुत कुछ ऐसा छिपा है, जो न केवल प्राचीन मिस्र, बल्कि मानव सभ्यता के उद्भव की कहानी को नई दिशा दे सकता है।
पुरातत्वविदों की टीम अब इन सीढ़ियों के नीचे और आसपास के क्षेत्रों की बारीकी से जांच कर रही है। रडार तकनीक, ड्रोन और थर्मल स्कैनिंग जैसे आधुनिक उपकरणों की मदद से यह जानने की कोशिश किया जा रहा है कि कहीं यह सीढ़ियां किसी विशाल भूमिगत परिसर की ओर जाने का तो संकेत नहीं कर रहा है।