यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट - बिना गारे के बना ‘नुरागे सु नुराक्सी’

Jitendra Kumar Sinha
0





विश्व के कोने-कोने में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं जो अपने निर्माण की अनोखी तकनीकों और रहस्यमयी इतिहास के कारण आज भी मानव सभ्यता को आश्चर्यचकित करता है। इटली के सार्डिनिया द्वीप पर स्थित ‘नुरागे सु नुराक्सी’ (Nuraghe Su Nuraxi) ऐसा ही एक अद्भुत स्थल है। यह यूनेस्को द्वारा घोषित एक वर्ल्ड हेरिटेज साइट है और इसे नुराजिक सभ्यता की उत्कृष्ट कृति माना जाता है, जिसने लगभग 1500 ईसा पूर्व इस संरचना का निर्माण किया था।

नुरागे सु नुराक्सी की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसे बिल्कुल बिना किसी गारे (मोर्टार) के बनाया गया है। भारी पत्थरों को एक के ऊपर एक इस कुशलता से रखा गया है कि वे सदियों से आज भी अपनी जगह मजबूती से टिका हुआ है। यह केवल एक स्मारक नहीं है, बल्कि एक पूरा दुर्गनुमा परिसर है जिसमें एक ऊंचा मुख्य टॉवर, चार कोणीय बुर्ज, घुमावदार सीढ़ियाँ, कोठरियां और आसपास फैली सैकड़ों झोंपड़ियाँ शामिल हैं।

मुख्य मीनार की ऊँचाई 18 मीटर से अधिक है, यह तथ्य उस समय की अद्भुत इंजीनियरिंग क्षमताओं की गवाही देता है। पत्थरों को इतनी बारीकी और संतुलन के साथ जोड़ा गया है कि यह आज भी भूकंप और मौसम की मार से सुरक्षित है।

इतिहासकारों और पुरातत्वविदों के बीच यह एक गूढ़ प्रश्न बना हुआ है कि इस संरचना का वास्तविक उद्देश्य क्या था। कुछ इसे किला मानते हैं, जहां नुराजिक लोग बाहरी हमलों से सुरक्षा पाते थे। अन्य इसे एक धार्मिक स्थल या फिर सामुदायिक सभा स्थल मानते हैं जहाँ जनजातीय लोग आपसी निर्णय लेते होंगे। एक बात साफ है कि इस विशाल परिसर की शहरी योजना, रक्षा तकनीक और स्थापत्य शैली यह दर्शाती है कि नुराजिक लोग न केवल कलात्मक थे, बल्कि वास्तुशास्त्र और संरचनात्मक विज्ञान में भी दक्ष थे।

नुराजिक सभ्यता के बारे में विशेष बात यह है कि उनके पास कोई लिखित भाषा नहीं थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पत्थरों में अपना इतिहास उकेरा। उन्होंने जो बनाया, वह आज भी उनके अस्तित्व, बुद्धिमत्ता और सामाजिक संरचना की गवाही देता है।

सार्डिनिया का यह अद्भुत स्थल मानव सभ्यता के उस स्वर्ण युग का प्रतीक है, जब न तो आधुनिक औजार थे, न सीमेंट-गारा, और न ही कोई औपचारिक वास्तुविद, फिर भी नुरागे सु नुराक्सी जैसी उत्कृष्ट और टिकाऊ संरचना अस्तित्व में आई। यह एक ऐतिहासिक चमत्कार है जो आने वाली पीढ़ियों को सृजन और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति प्रेरित करता रहेगा।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top