जब धरती खुद चित्रकार बन जाए और ज्वालामुखीय राख उसकी रंग-बिरंगी तूलिका, तब जो तस्वीर बनता है वह है “पेंटेड ड्यून्स”। अमेरिका के कैलिफ़ॉर्निया राज्य में स्थित लैसन वोल्कैनिक नेशनल पार्क की यह अद्भुत भू-संरचना प्रकृति की सबसे अनोखी कलाकृतियों में से एक माना जाता है। यह स्थान न केवल वैज्ञानिकों के लिए रहस्य से भरा खजाना नहीं है, बल्कि पर्यटकों के लिए स्वर्ग से कम नहीं है।
सिंडर कोन नामक एक ज्वालामुखीय पर्वत के दक्षिण-पश्चिम में स्थित “पेंटेड ड्यून्स”, लाखों साल पुरानी ज्वालामुखीय गतिविधियों का परिणाम हैं। जब ज्वालामुखी फटा और उसमें से राख व लावा निकला, तो वह धरती पर फैल गया। लेकिन यह राख केवल एक साधारण राख नहीं था। जब यह राख गर्म, बहते लावा पर गिरी, तो उसमें रासायनिक ऑक्सीकरण की प्रक्रिया शुरू हुई। इस ऑक्सीकरण ने ही इन टीलों को अपनी खास पहचान दी- लाल, नारंगी, पीले, भूरे और जंग जैसे गाढ़े रंग।
पेंटेड ड्यून्स की सबसे खास बात यह है कि यहां की रंगीन छटा स्थिर नहीं रहती है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है, सूरज की दिशा और रोशनी का कोण बदलता है, वैसे-वैसे इन ड्यून की सतह पर फैले रंगों में भी अंतर आता है। सुबह की हल्की सुनहरी धूप इन्हें और भी चमकदार बनाता है, जबकि शाम के समय यह रंग थोड़ा मटमैला लेकिन गहरे नजर आता हैं। बादलों की छांव या बारिश की नमी भी इन रंगों को अलग रूप देता है।
जब पेंटेड ड्यून्स को देखते हैं, तो महसूस होता है जैसे किसी ने धरती पर ब्रश चलाकर इन टीलों को सजाया हो। दूर-दूर तक फैली यह रंगीन सतह मानो प्रकृति का जादुई कैनवास हो, जहां हर टीला एक नई रंग-रेखा, एक नई कहानी कहता है। यहां पहुंचना आसान नहीं है। लंबा ट्रेकिंग मार्ग और सघन जंगलों से होकर जाना पड़ता है, लेकिन जब इस रंगीन धरती का दर्शन होता हैं, तो सारी थकान मिट जाता है। पेंटेड ड्यून्स प्रकृति प्रेमियों, भूगोलविदों और फोटोग्राफरों के लिए एक अनमोल खजाना है।
पेंटेड ड्यून्स न केवल एक भौगोलिक आश्चर्य हैं, बल्कि यह सिखाता हैं कि प्रकृति खुद कितनी रचनात्मक हो सकता है। ज्वालामुखीय राख और सूर्य की रोशनी मिलकर जब धरती पर रंगों का यह चमत्कार रचते हैं, तो यह दृश्य एक जीवन भर का अनुभव बन जाता है। यह जगह याद दिलाता है कि कभी-कभी विनाश भी एक सुंदर रचना की शुरुआत हो सकता है।