बेंगलूरु सिटी विश्वविद्यालय (बीसीयू) ने वैश्विक भाषा केंद्र के अंतर्गत एक नया ऐतिहासिक कदम उठाते हुए रूसी भाषा की पढ़ाई शुरू करने की घोषणा की है। यह पहल न केवल दक्षिण भारत में भाषाई विविधता को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत-रूस के मजबूत होते कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को भी नई दिशा देगी।
नई दिल्ली स्थित रूसी हाउस के निदेशक डॉ. ई. एस. रेमीजोवा ने इस केंद्र का उद्घाटन करते हुए कहा है कि यह रूसी भाषा, दक्षिण भारत में अपनी तरह का एकमात्र केंद्र होगा। यह न केवल भाषा की शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि शैक्षणिक सहयोग, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों और रूसी फिल्मों की स्क्रीनिंग जैसे आयोजनों के माध्यम से छात्रों को रूसी संस्कृति से भी जोड़ने का कार्य करेगा।
वैश्विक भाषा केंद्र के निदेशक डॉ. ज्योति वेंकटेश का मानना है कि आज के वैश्विक दौर में एक अतिरिक्त विदेशी भाषा जानना किसी भी छात्र के करियर के लिए वरदान साबित हो सकता है। खासकर तब जब यह भाषा रूस जैसी महाशक्ति की हो, तो यह द्विपक्षीय व्यापार, तकनीकी सहयोग और शोध के क्षेत्र में छात्रों के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है।
रूस न केवल विश्व राजनीति में एक प्रभावशाली देश है, बल्कि वह विज्ञान, तकनीक, रक्षा, अंतरिक्ष, और साहित्य में भी अग्रणी रहा है। रूस की कई विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों से भारत का पुराना सहयोग रहा है। ऐसे में यदि भारतीय छात्र रूसी भाषा में दक्षता हासिल करते हैं, तो वे उच्च शिक्षा, छात्रवृत्तियों और रिसर्च एक्सचेंज कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं।
बीसीयू की यह पहल छात्रों को केवल एक भाषा सिखाने तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि उन्हें वैश्विक नागरिक बनने के लिए तैयार करेगी। यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की उपस्थिति को मजबूत करने में भी योगदान देगा।
यह केंद्र भारत-रूस के बीच एक ‘सांस्कृतिक सेतु’ की तरह कार्य करेगा। दोनों देशों के युवाओं के बीच संवाद और समझ बढ़ेगी। आने वाले समय में यह केंद्र न केवल भाषा शिक्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि सांस्कृतिक और अकादमिक सहयोग का प्रतीक भी होगा।
बेंगलूरु सिटी विश्वविद्यालय में रूसी भाषा केंद्र की शुरुआत एक दूरदर्शी कदम है, जो छात्रों को वैश्विक परिदृश्य में, नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक बनेगा। यह पहल शिक्षा, संस्कृति और कूटनीति के त्रिकोण में भारत को एक और मजबूत आधार प्रदान करेगा।