ड्रोन की निगाह में अब होगी मालगाड़ियाँ - हादसों पर लगेगी लगाम

Jitendra Kumar Sinha
0

 



 

भारतीय रेलवे अब अपने मालगाड़ी संचालन को और अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेने जा रहा है। रेल मंत्रालय ने एक प्रायोगिक परियोजना के तहत विभिन्न टर्मिनलों पर मालगाड़ियों में असमान माल लदान की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग शुरू करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के अंतर्गत तीन रेलवे जोन को अनुबंध के आधार पर ड्रोन खरीदने और तैनात करने का निर्देश दिया गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, मालगाड़ियों में असमान तरीके से किया गया लदान ट्रेन के पटरी से उतरने (डिरेलमेंट) का एक बड़ा कारण बनता है। जब कंटेनरों या बोगियों में समान रूप से वजन वितरित नहीं होता है, तो गाड़ी के संतुलन में गड़बड़ी आ सकता है, जो खासकर तेज गति या मोड़ पर दुर्घटना का कारण बनता है। ऐसे में पारंपरिक मानव निरीक्षण की सीमाओं को देखते हुए, रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त ड्रोन का प्रयोग करेगा, जो ऊँचाई से बोगियों की निगरानी कर सकेगा और तुरंत संदिग्ध लदान की जानकारी साझा कर सकेगा।

ड्रोन उच्च-रिजोल्यूशन कैमरों से लैस होंगे जो बोगियों की ऊँचाई, लोड का फैलाव, और कंटेनरों की स्थिति की स्पष्ट तस्वीर ले सकेगा। इन तस्वीरों को रेलवे के विश्लेषण तंत्र से जोड़ दिया जाएगा जो यह तय करेगा कि कोई बोगी संतुलित है या नहीं। इससे लोडिंग के समय ही सुधार हो सकेगा और गाड़ी के चलने से पहले संभावित खतरे को रोका जा सकेगा।

रेल मंत्रालय ने तीन रेलवे जोन पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे को इस परियोजना के लिए चयनित किया है। इन जोनों के प्रमुख माल लदान टर्मिनलों पर ड्रोन तैनात किए जाएंगे और उनके प्रदर्शन के आधार पर इस प्रणाली को पूरे देश में लागू करने पर विचार होगा।

रेलवे अधिकारियों का मानना है कि ड्रोन के जरिए न सिर्फ हादसों की आशंका कम होगी, बल्कि मालगाड़ियों के संचालन में पारदर्शिता और गति भी आएगी। साथ ही लोडिंग के समय लगने वाला समय भी घटेगा क्योंकि ड्रोन त्वरित निरीक्षण कर सकेगा।

रेलवे का यह कदम न केवल सुरक्षा के लिहाज से क्रांतिकारी है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय रेलवे अब डिजिटल तकनीक को अपनाकर विश्वस्तरीय संचालन की ओर अग्रसर है। ड्रोन के साथ आने वाले डाटा विश्लेषण उपकरण रेलवे को “स्मार्ट रेलवे” की दिशा में तेजी से आगे ले जायेगा। ड्रोन तकनीक के समावेश से भारतीय रेलवे एक नई दिशा में बढ़ चला है। यदि यह प्रायोगिक परियोजना सफल रहती है, तो यह न केवल सुरक्षा की दृष्टि से बल्कि लागत, समय और संसाधन प्रबंधन के स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top