इंद्रधनुष के रंगों में दिखता है - “रेनबो लोरिकेट”

Jitendra Kumar Sinha
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रेनबो लोरिकेट (Rainbow Lorikeet) प्रकृति की सबसे सुंदर कृतियों में से एक है। इसका नाम ही इसकी पहचान है। यह पक्षी इंद्रधनुष के रंगों की तरह दिखता है। यह मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनी और इंडोनेशिया के घने वर्षावनों में पाया जाता है, जहां इसकी चहचहाहट और रंगीन उपस्थिति वातावरण में जीवन का संचार कर देती है।

रेनबो लोरिकेट की सबसे बड़ी खासियत उसका रंग-बिरंगा शरीर है। सिर और पेट गहरा नीला, धड़ चमकीला नारंगी और पीला, पंख, पीठ और पूंछ  घना हरा रंग का होता है। इन रंगों का अनोखा मिश्रण इसे ना सिर्फ सुंदर बनाता है, बल्कि यह घने पेड़ों में भी छिपकर शिकारियों से खुद को बचा सकता है। जब यह उड़ता है, तो ऐसा लगता है मानो आसमान में इंद्रधनुष की लकीर दौड़ गई हो।

रेनबो लोरिकेट बहुत ही सामाजिक और ऊर्जावान पक्षी है। ये अक्सर झुंडों में रहता हैं और एक साथ उड़ता हैं। जब यह किसी पेड़ पर उतरता हैं तो उनकी चहचहाहट और हरकतों से वातावरण जीवंत हो उठता है। 

रेनबो लोरिकेट की उड़ान सीधी और तेज होती है। उड़ते समय इसके रंग-बिरंगे पंख सूरज की रोशनी में चमकते हैं, जिससे यह दूर से ही नजर आ जाता है। इनकी तेज उड़ान उन्हें जंगलों में एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक तेजी से पहुंचने में मदद करता है।

रेनबो लोरिकेट मुख्य रूप से फूलों का रस, फल और बीज खाता है। यह पक्षी फूलों से रस पीते समय परागण (pollination) में भी योगदान देता हैं। जब यह एक फूल से दूसरे फूल पर जाता हैं, तो पराग उनके शरीर पर चिपक कर एक जगह से दूसरी जगह पहुंचता है, जिससे पौधों की प्रजातियाँ आगे बढ़ती हैं। यह इसे पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) के लिए महत्वपूर्ण बनाता है।

रेनबो लोरिकेट की आबादी अभी संतोषजनक है, लेकिन वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन इसके प्राकृतिक आवास के लिए खतरा बनता जा रहा हैं। इसलिए इनके संरक्षण के लिए जागरूकता और प्रयास जरूरी हैं, ताकि यह रंग-बिरंगा पक्षी आने वाली पीढ़ियों को भी दिखाई दे।



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