शनि शिंगणापुर मंदिर से मुस्लिम कर्मचारी हटे

Jitendra Kumar Sinha
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महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल “शनि शिंगणापुर” मंदिर एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गया है। इस बार मुद्दा है मंदिर ट्रस्ट में कार्यरत 114 मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर, जिनके विरुद्ध हिन्दू संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। आरोप है कि मंदिर के पवित्र चबूतरे पर मुस्लिम कारीगरों द्वारा ग्रिल लगाने और शनिदेव के चबूतरे की सफाई तथा रंगरोगन का कार्य किया गया है, जिसे लेकर 21 मई 2025 को विवाद गहराया है।

मंदिर महासंघ और अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों ने इस घटना को ‘धार्मिक मर्यादा का उल्लंघन’ करार दिया है और तीव्र आपत्ति दर्ज कराते हुए ट्रस्ट पर सवाल उठाया है। इसके बाद ट्रस्ट पर दबाव बढ़ा है और अंततः उसने सभी मुस्लिम कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया है। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि यह कर्मचारी मंदिर परिसर में प्रत्यक्ष सेवा नहीं दे रहे थे, बल्कि कृषि, सफाई और शिक्षा विभागों से जुड़े हुए थे। इनमें से 99 कर्मचारी पिछले 5 महीने से अनुपस्थित थे और उनकी तनख्वाह भी रोक दी गई थी। केवल 15 कर्मचारी ही कार्यरत थे, जिनमें से कुछ पिछले 20 वर्षों से सेवा में हैं।

सकल हिन्दू समाज ने चेतावनी दी है कि यदि 14 जून 2025 तक सभी मुस्लिम कर्मचारियों को औपचारिक रूप से सेवा से मुक्त नहीं किया गया, तो मंदिर के बाहर विराट मोर्चा निकाला जाएगा। संगठन का कहना है कि धर्मस्थलों पर कार्यरत कर्मचारियों की धार्मिक आस्था मंदिर की मर्यादा से मेल खानी चाहिए।

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि धर्मस्थलों में नियुक्तियों का आधार क्या हो? क्या कर्मियों की धार्मिक पहचान मंदिर की गरिमा को प्रभावित करता है? या फिर यह एक सामाजिक समावेशिता का प्रश्न बन चुका है? देश के बहुलतावादी ढांचे में इस तरह के घटनाक्रम सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने को झकझोरता हैं।

शनि शिंगणापुर मंदिर पूर्व में भी महिलाओं के प्रवेश को लेकर चर्चा में रहा है। अब यह नया विवाद एक बार फिर प्रशासन, ट्रस्ट और समाज को वैचारिक विमर्श की ओर ले जा रहा है। फिलहाल, ट्रस्ट ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया है, लेकिन इस निर्णय की दीर्घकालिक संवैधानिक और सामाजिक समीक्षा अभी शेष है। धार्मिक भावना और सामाजिक न्याय के बीच संतुलन साधना अब एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।



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