डोनाल्ड ट्रंप का फैसला - बाइडन पर जांच - 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध

Jitendra Kumar Sinha
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन के खिलाफ गंभीर जांच का आदेश देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया है। ट्रंप का आरोप है कि बाइडन ने कुछ अहम दस्तावेजों पर ऑटोपेन (एक यांत्रिक हस्ताक्षर उपकरण) के जरिये हस्ताक्षर कर न केवल संवैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया, बल्कि यह भी छिपाने की कोशिश की कि उनकी मानसिक स्थिति कमजोर हो चुकी है। ट्रंप ने एक ज्ञापन जारी करते हुए इसे अमेरिकी इतिहास का सबसे खतरनाक और चिंताजनक घोटाला करार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि यह "प्रेसिडेंशियल पावर का दुरुपयोग" है। इस मुद्दे को लेकर रिपब्लिकन सांसदों ने भी बाइडन प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की मांग की है।

ऑटोपेन एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो किसी व्यक्ति के हस्ताक्षर की हूबहू नकल करता है। इसका उपयोग आमतौर पर तभी किया जाता है जब संबंधित व्यक्ति खुद उपस्थित नहीं हो सकता है। लेकिन यदि इसका इस्तेमाल संवैधानिक या अंतरराष्ट्रीय संधियों से जुड़े दस्तावेजों पर किया जाए, तो यह विवाद का विषय बन जाता है। डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों का दावा है कि बाइडन की 'मनोवैज्ञानिक स्थिति' को छुपाने के लिए ऑटोपेन का दुरुपयोग किया गया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति रहते हुए पहले भी यात्रा प्रतिबंधों की नीति अपनाई थी। अब उन्होंने एक बार फिर 12 देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इनमें अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल है। इसके साथ ही 7 अन्य देशों के नागरिकों पर भी कड़ी निगरानी और सख्त वीज़ा शर्तें लागू की गई हैं, जिसमें बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला शामिल है।  ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है, जबकि आलोचकों का मानना है कि यह एक प्रकार का नस्लीय और राजनीतिक भेदभाव है।

ट्रंप के इन फैसलों को विश्लेषक 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं। बाइडन की प्रशासनिक कमजोरियों को उजागर कर वह अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश में हैं। बाइडन के खिलाफ जांच और ट्रैवल बैन जैसे दो मजबूत कदम उठाकर डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह न सिर्फ वापसी के लिए तैयार हैं, बल्कि ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति को दोबारा प्रमुख एजेंडा बनाना चाहते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप के दोहरे आदेश ने अमेरिका की राजनीतिक फिजा में जबरदस्त उबाल ला दिया है। एक ओर बाइडन की मानसिक स्थिति और कार्यशैली पर सवाल उठाया जा रहा हैं, वहीं दूसरी ओर ट्रैवल बैन जैसे फैसले से वैश्विक प्रतिक्रिया की आशंका है।



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