चीन के गुइझोउ प्रांत में स्थित चेजियांग ड्रम टॉवर न केवल एक अद्भुत वास्तु संरचना है, बल्कि यह शुई समुदाय की सांस्कृतिक पहचान और शिल्प कौशल का जीवंत उदाहरण भी है। 24 मंजिला और 99.9 मीटर ऊंचा यह टॉवर पूरी तरह लकड़ी से बना है और खास बात यह है कि इसमें एक भी कील या धातु का प्रयोग नहीं किया गया है।
चेजियांग ड्रम टॉवर की सबसे बड़ी खासियत है इसकी निर्माण शैली। इसे पूरी तरह लकड़ी के टुकड़ों को काट-छांट कर इस तरह जोड़ा गया है कि अलग से किसी नट-बोल्ट या कील की आवश्यकता ही नहीं पड़ी। यह पारंपरिक चीनी वास्तुकला की ‘सुनडौगू’ तकनीक का उपयोग करता है, जिसमें लकड़ी के हिस्सों को जोड़ने के लिए इंटरलॉकिंग तकनीक अपनाई जाती है।यह शैली प्राचीन चीन में प्रचलित थी, जहां मंदिरों, पुलों और महलों का निर्माण इसी पद्धति से होता था। इससे न केवल इमारत की मजबूती बढ़ती है, बल्कि इसका प्राकृतिक सौंदर्य भी बरकरार रहता है।
चेजियांग ड्रम टॉवर केवल एक भवन नहीं, बल्कि शुई समुदाय की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक है। ड्रम टॉवर परंपरागत रूप से गांव के केंद्र में स्थित होता है और यह समुदाय के लिए एक सभा स्थल की तरह कार्य करता है। यहां उत्सव, धार्मिक आयोजन और सामाजिक बैठकों का आयोजन होता है। खासकर शुई नववर्ष और पारंपरिक नृत्यों के दौरान यह टॉवर जीवंत हो उठता है।
टॉवर का निर्माण पूरी तरह पर्यावरण अनुकूल है। लकड़ी का इस्तेमाल न केवल इसे प्राकृतिक रूप देता है, बल्कि यह हर मौसम में टिकाऊ भी है। इसकी बनावट में बारीक नक्काशी, खिड़कियों की अद्भुत डिजाइन और छतों की परतें इसे एक कलात्मक कृति बना देता हैं। यह टॉवर पर्यटन का भी एक बड़ा केंद्र बन गया है। देश-विदेश से लोग इसकी भव्यता और वास्तु तकनीक को देखने आते हैं।