चुनाव आयोग बिहार में प्रथम बार घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करने की योजना बना रहा है। इसके तहत बूथ‑स्तरीय अधिकारी (BLO) घर-घर जाएंगे, मौजूद मतदाताओं के दस्तावेज़—जैसे जन्म प्रमाण पत्र, नागरिकता घोषणा, आधार, पासपोर्ट या स्कूल प्रमाण पत्र—की पड़ताल करेंगे ।
इस कदम का मकसद है:
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लीगिट वोटरों को जोड़ना,
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जो लोग अब मौजूद नहीं हैं (मृतक, प्रवासी, अवैध), उन्हें हटाना,
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और मतदाता विवरणों को सुधारना, जैसे नाम, पता आदि। यह बिहार विधानसभा चुनावों (अक्टूबर–नवंबर 2025) से पहले साफ‑सफाई सुनिश्चित करने की तैयारी है।
2004 के बाद यह पहली ‘विशेष संक्षिप्त संशोधन’ (Special Intensive Revision) है, जिसे पूरे देश में मौजूदा चुनाव प्रक्रिया के हिस्से के रूप में लागू किया गया है।
चुनाव आयोग इसे पारदर्शी तरीके से हर स्तर पर—document upload से लेकर BLO द्वारा फील्ड सत्यापन—करने की बात कर रहा है, और इसमें राजनीतिक दलों को समेत किया जाएगा ताकि किसी भी पक्षपात की संभावना न रहे ।
