14 जून 2025 की रात, ईरान ने इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन से भीषण हमला किया। यह कार्रवाई इज़राइल द्वारा ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में की गई। ईरान ने अपने रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की ओर से ऑपरेशन का नेतृत्व किया और खास तौर पर तेल अवीव, यरुशलम और हाइफ़ा जैसे बड़े शहरों को निशाना बनाया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी मिसाइलों और ड्रोन ने इज़राइली हवाई रक्षा प्रणालियों को चुनौती दी, हालांकि इज़राइल की ‘आयरन डोम’ प्रणाली ने अधिकांश हमलों को बीच में ही निष्क्रिय कर दिया।
हमलों में कई इलाकों में विस्फोट सुनाई दिए और लोगों को बंकरों में जाने की सलाह दी गई। तेल अवीव में रिहायशी इलाकों के पास मिसाइलें गिरीं, जिससे इमारतों को नुकसान हुआ और कई नागरिक घायल हो गए। हाइफ़ा में एक तेल भंडारण केंद्र में आग लग गई। यरुशलम के पास एक सैन्य बेस को आंशिक क्षति हुई।
ईरान की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह एक सीमित लेकिन सटीक बदला है, और यदि इज़राइल ने दोबारा हमला किया, तो ईरान की प्रतिक्रिया और भी ज़बरदस्त होगी। ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि यह कार्रवाई “शहीदों का बदला” है और यह केवल शुरुआत है।
लेबनान से हिज़्बुल्ला ने भी सीमावर्ती इलाकों से रॉकेट दागे, जिससे उत्तरी इज़राइल में भी अलर्ट जारी कर दिया गया। इज़राइल ने जवाबी हमलों में सीरिया और लेबनान की सीमा पर ईरान-समर्थित ठिकानों को भी टारगेट किया।
इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर ला खड़ा किया है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय देशों ने संयम बरतने की अपील की है, लेकिन दोनों देशों के तेवर फिलहाल आक्रामक बने हुए हैं।