12 जून की सुबह अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 की भयावह दुर्घटना के बाद, मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में मौजूद छात्रों के लिए वह दिन कभी न भूलने वाला बन गया। ऐसे ही एक छात्र की गवाही ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
“मैं बिस्तर पर लेटा हुआ था। अचानक एक धमाका हुआ... दीवारें कांपीं, खिड़कियां चटक गईं। जब मैंने आँखें खोलीं, तो सामने की दीवार गिर चुकी थी – मेरे ऊपर। लेकिन सिरहाने की बीम ने उसे पूरा गिरने से रोक लिया। शायद वो बीम नहीं होती तो मैं इस वक़्त आपसे बात नहीं कर रहा होता।”
छात्र ने बताया कि जैसे ही हादसा हुआ, चारों तरफ धुआं भर गया था। हॉस्टल के गलियारों में चीख-पुकार मच गई। छात्र भागते हुए सीढ़ियों से नीचे जाने लगे लेकिन धुएं की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था।
“हमने अपने चेहरे को गीले रूमाल से ढंक लिया और किसी तरह पाँचवीं मंज़िल से उतरते चले गए। चारों तरफ आग थी, हॉस्टल के नीचे विमान का मलबा पड़ा था। कुछ दोस्त अब भी अंदर फंसे हुए थे, जिनकी हालत बहुत गंभीर है।”
उसने बताया कि एक तरफ से दीवार टूटकर नीचे गिर चुकी थी और हॉस्टल की छत पर विमान का एक हिस्सा अटका हुआ था।
“हममें से कई लोग छत की तरफ भागे थे, लेकिन वहाँ भी आग थी। एक दोस्त को हाथ से खींचकर बाहर निकाला, उसकी पीठ जल चुकी थी। डॉक्टर बन रहे हैं, पर उस दिन खुद को भी ज़िंदा रखने की लड़ाई लड़नी पड़ी।”
छात्र ने बताया कि कॉलेज के कई साथी अभी ICU में हैं, और कुछ लापता हैं। कॉलेज के शिक्षकों और सीनियर डॉक्टरों ने तुरंत घायलों का इलाज शुरू किया, जो वहाँ की मेडिकल टीम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उसने रोते हुए कहा –
“मैं ज़िंदा हूँ, लेकिन मेरे कुछ दोस्त नहीं हैं... और यह बात मुझे हर पल कचोटती रहेगी।”