केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसा: उत्तराखंड की वादियों में फिर मची चीख-पुकार

Jitendra Kumar Sinha
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उत्तराखंड में केदारनाथ यात्रा के दौरान एक और बड़ा हादसा सामने आया है। त्रिजुगी नारायण और गौरीकुंड के बीच एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पायलट, एक बच्चा और पांच श्रद्धालु शामिल हैं। हादसा इतना भीषण था कि हेलीकॉप्टर के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए।


यह हादसा उस समय हुआ जब हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गौरीकुंड लौट रहा था। अचानक मौसम बिगड़ा और हेलीकॉप्टर ने संतुलन खो दिया। चश्मदीदों का कहना है कि हेलीकॉप्टर एक झटके में नीचे गिरा और देखते ही देखते आग की लपटों में घिर गया। घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय लोग और बचाव दल ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


इससे पहले भी उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसों की काली छाया रही है। 2022 में भी इसी रूट पर एक हादसा हुआ था, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी। पिछले साल भी एक और हादसे में 5 श्रद्धालु मारे गए थे। इन घटनाओं के बाद बार-बार सवाल उठते हैं कि क्या चारधाम यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा वाकई सुरक्षित है?


राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के लिए मुआवज़े की घोषणा की है और कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।


फिलहाल SDRF, NDRF और वायुसेना की टीमें मौके पर मौजूद हैं और सर्च ऑपरेशन जारी है। पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्र होने के कारण बचाव कार्य में काफी मुश्किलें आ रही हैं।


यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या हर साल की तरह इस बार भी जांच के नाम पर फाइलें धूल फांकेंगी, या फिर कोई ठोस कदम उठाया जाएगा?


उत्तराखंड की वादियों में उड़ने वाला हर हेलीकॉप्टर अब श्रद्धालुओं के मन में डर छोड़ जाता है। जब तक सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी और संचालन में पारदर्शिता नहीं आएगी, तब तक यह यात्रा आस्था के साथ-साथ एक खतरा भी बनी रहेगी।

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