तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच चल रही पारिवारिक और राजनीतिक खींचतान ने एक बार फिर सुर्खियाँ बटोरी हैं। हाल ही में तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को "जयचंद" कहकर संबोधित किया। यह टिप्पणी न केवल उनके पारिवारिक संबंधों में तनाव को उजागर करती है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी हलचल मचा देती है।
पारिवारिक विवाद और राजनीतिक प्रभाव
तेज प्रताप यादव, जो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बड़े पुत्र हैं, पहले भी अपने बयानों और कार्यों के कारण विवादों में रहे हैं। उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय से चल रहे तलाक के मामले और हाल ही में अनुष्का यादव के साथ संबंधों को लेकर किए गए दावे ने उन्हें पार्टी और परिवार दोनों से दूर कर दिया है। लालू प्रसाद यादव ने उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है और पारिवारिक संबंध भी समाप्त कर दिए हैं।
सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणी
तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्ट में तेजस्वी यादव को "जयचंद" कहकर संबोधित किया, जो भारतीय इतिहास में विश्वासघात के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से उनके और तेजस्वी के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है। हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन यह विवाद निश्चित रूप से पार्टी के भीतर असंतोष को बढ़ा सकता है।
राजनीतिक दृष्टिकोण
तेजस्वी यादव, जो बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं, वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता और राजनीतिक रणनीतियाँ पार्टी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण रही हैं। हालांकि, पारिवारिक विवाद और तेज प्रताप यादव के आरोपों से पार्टी की छवि पर असर पड़ सकता है।
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच का यह विवाद न केवल एक पारिवारिक कलह है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। जहाँ तेजस्वी यादव पार्टी को मजबूत करने में लगे हैं, वहीं तेज प्रताप यादव के बयान और कार्यकलाप पार्टी के लिए चुनौती बन सकते हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है और इसका बिहार की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।