बिहार विधानसभा में ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025’ हुआ पेश

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार के युवाओं को हुनरमंद और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अब राज्य को एक और विश्वविद्यालय मिलने जा रहा है “जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय”। इस नए विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य बिहार के युवाओं को व्यावसायिक, तकनीकी और कौशल आधारित शिक्षा से सशक्त बनाना है।

बिहार के मुख्यमंत्री इस विश्वविद्यालय के चांसलर (कुलाधिपति) होंगे। यह बिहार का चौथा ऐसा विश्वविद्यालय होगा, जिसके कुलाधिपति मुख्यमंत्री होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार खेल विश्वविद्यालय और बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के भी चांसलर हैं।

सोमवार को बिहार विधानसभा में ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025’ पेश किया गया। विधेयक में साफ कहा गया है कि यह संस्थान राज्य के युवाओं के लिए विशेष रूप से कौशल विकास पर केंद्रित होगा। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ रोजगारपरक और उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण देना है।

बिहार में पहले से ही औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई), पॉलिटेक्निक कॉलेज और कौशल विकास केंद्रों की स्थापना बड़े पैमाने पर की गई है। लेकिन इन सभी को एक मजबूत शैक्षणिक ढांचे में जोड़ने और उन्हें एक एकीकृत दृष्टिकोण देने के लिए यह विश्वविद्यालय जरूरी था। यह विश्वविद्यालय न केवल इन संस्थानों को एक प्लेटफॉर्म देगा, बल्कि उद्योगों की मांग के अनुसार कोर्स और ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करेगा।

इस विश्वविद्यालय का नाम जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर रखा गया है, जो समाजवाद, समानता और शिक्षा के प्रबल पक्षधर थे। उनके सिद्धांतों पर चलते हुए यह विश्वविद्यालय हर वर्ग के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण और उपयोगी शिक्षा प्रदान करेगा।

बिहार लंबे समय से पलायन और बेरोजगारी की चुनौती से जूझता रहा है। ऐसे में यह विश्वविद्यालय राज्य के युवाओं को न केवल स्किल्स देगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का अवसर भी प्रदान करेगा। यह कदम बिहार के आत्मनिर्भर भविष्य की नींव रखने जैसा है।

“जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय” बिहार के शैक्षणिक और औद्योगिक परिदृश्य में एक क्रांतिकारी बदलाव का संकेत है। यह न केवल युवाओं को सक्षम बनाएगा, बल्कि राज्य को देश के अन्य राज्यों के मुकाबले कौशल विकास में अग्रणी बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। मुख्यमंत्री की अगुवाई में यह विश्वविद्यालय एक आदर्श मॉडल बन सकता है।



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