खेती में नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को “ड्रैगन फ्रूट” की खेती के लिए 40 प्रतिशत तक अनुदान देने की घोषणा की है। यह अनुदान उद्यान निदेशालय द्वारा संचालित “ड्रैगन फ्रूट विकास योजना” के तहत दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उच्च मूल्य वाली फलों की खेती के लिए प्रेरित करना और उनकी आमदनी को दोगुना करना है।
“ड्रैगन फ्रूट” को पिताया भी कहा जाता है। यह फल मुख्य रूप से वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया जैसे देशों में उगाया जाता है, लेकिन अब भारत में भी इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यह फल दिखने में जितना आकर्षक होता है, उतना ही स्वास्थ्यवर्धक भी होता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
“ड्रैगन फ्रूट” की खेती की प्रति एकड़ लागत ₹6.75 लाख आंकी गई है। इस पर किसानों को ₹2.7 लाख का कुल अनुदान दिया जाएगा। यह अनुदान दो वर्षों में विभाजित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कुल अनुदान का 60% यानि ₹1.62 लाख दिया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2026-27 में शेष 40% यानि ₹1.08 लाख का भुगतान किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बिहार उद्यान विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इच्छुक किसान अपने जिला उद्यान पदाधिकारी से भी संपर्क कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकता है।
“ड्रैगन फ्रूट” का पौधा एक बार लगाने पर 20 साल तक फल देता है। इसकी खेती शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भी संभव है। “ड्रैगन फ्रूट” की मांग बड़ी तेजी से बढ़ रही है, जिससे बेहतर मूल्य मिलता है। इसके सेवन से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
“ड्रैगन फ्रूट” की खेती बिहार के किसानों के लिए एक क्रांतिकारी अवसर बन सकता है। सरकार द्वारा दिया जा रहा अनुदान इस नई फसल की ओर किसानों को आकर्षित करने में मदद करेगा।
