धरती का सबसे निडर जानवर होता है - “हनी बैजर”

Jitendra Kumar Sinha
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धरती पर कई ऐसे जीव हैं जो अपनी ताकत, चालाकी या फुर्ती के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन एक ऐसा जानवर भी है, जो आकार में भले ही छोटा हो, लेकिन उसका साहस इतना जबरदस्त है कि उसे "धरती का सबसे निडर जानवर" कहा जाता है। वह है “हनी बैजर”, जिसे हिन्दी में मधुमक्खी बिज्जू भी कहते हैं।

“हनी बैजर” मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण-पश्चिम एशिया और भारत के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। भारत में यह खासतौर पर राजस्थान, गुजरात और हिमालय की तलहटी जैसे क्षेत्रों में देखने को मिलता है। यह प्राणी बंजर जंगलों, झाड़ियों और घास के मैदानों में रहना पसंद करता है।

“हनी बैजर” का शरीर ज्यादा बड़ा नहीं होता है। इसकी लंबाई करीब 60 से 70 सेंटीमीटर और वजन लगभग 8 से 12 किलो के बीच होता है। लेकिन इसकी ताकत, आक्रामकता और निडरता ऐसी है कि बड़े-बड़े शिकारी जानवर भी इससे उलझने से बचते हैं।

इसका शरीर सफेद-धूसर और काले रंग का होता है। शरीर के ऊपरी हिस्से का रंग हल्का और निचले हिस्से का रंग गहरा होता है। इसकी त्वचा मोटी, ढीली और बेहद मजबूत होती है, जिससे यह आसानी से खुद को शिकारी के हमले से बचा लेता है।

“हनी बैजर” की निडरता इतनी प्रसिद्ध है कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भी इसे “धरती का सबसे निडर जानवर” घोषित किया है। यह न केवल छोटे जीवों बल्कि जहरीले कोबरा, अजगर और यहां तक कि शेर जैसे खतरनाक जानवरों से भी भिड़ जाता है।

“हनी बैजर” के बारे में सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि यदि किसी जहरीले सांप जैसे कोबरा ने इसे काट भी लिया, तो यह कुछ घंटों के लिए बेहोश हो सकता है लेकिन फिर जहर से उबरकर उठता है और उसी सांप को खा जाता है। इसकी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इतनी ज्यादा होती है कि जहरीले जानवरों के डंक भी इसे ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता है।

अगर कोई शिकारी इसे गर्दन से पकड़ भी ले, तो यह अपनी ढीली त्वचा की मदद से शरीर को मोड़कर पीछे पलटकर हमला कर सकता है। यह अपनी तेज नुकीले दांतों और नुकीले पंजों से हमला करता है और दुश्मन को चौंका देता है।



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