अहमदाबाद के इंजीनियर ने बनाया ढाई किलो का ग्रेनेड विस्फोट ड्रोन - सेना ने 20 यूनिट का दिया ऑर्डर

Jitendra Kumar Sinha
0




भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूती देने वाली एक और अनूठी तकनीकी उपलब्धि सामने आई है। अहमदाबाद के इंजीनियर केशवकांत शर्मा द्वारा विकसित किया गया ‘गति’ ड्रोन भारतीय सेना की नजर में आ गया है। यह ड्रोन अपनी खासियतों के कारण अब रक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

'गति' एक हल्का, घातक और पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से बना ग्रेनेड विस्फोटक ड्रोन है, जो दुश्मन के ठिकाने पर बिल्कुल सटीक निशाना साध सकता है। यह ड्रोन 2.5 किलोग्राम वजन का है, लेकिन इसकी मारक क्षमता इसका असली हथियार है।

यह 500 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। एक बार में यह 7.5 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है। ड्रोन लक्ष्य तक पहुंचता है, स्वचालित रूप से ग्रेनेड का पिन निकालता है, और चार सेकंड बाद तयशुदा जगह पर विस्फोट कर सुरक्षित वापस लौट आता है।

जहां आमतौर पर ग्रेनेड फेंकने के लिए सैनिकों को खतरे में जाना पड़ता है, वहीं 'गति' ड्रोन यह कार्य बिना मानवीय हस्तक्षेप के करता है। ग्रेनेड को सक्रिय करने की पूरी प्रक्रिया, पिन निकालना, लीवर छोड़ना और विस्फोट की गणना, ड्रोन द्वारा खुद किया जाता है। इससे सैनिकों की सुरक्षा कई गुना बढ़ जाता है।

इस तकनीक की उपयोगिता को देखते हुए भारतीय सेना ने इस ड्रोन के 20 यूनिट का ऑर्डर दिया है। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को और अधिक सशक्त बनाता है। परीक्षण के दौरान ड्रोन की सटीकता, रेंज और विस्फोट नियंत्रण ने सेना के अधिकारियों को प्रभावित किया।

‘गति’ ड्रोन सीमावर्ती इलाकों, आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों और घने जंगलों में सर्जिकल स्ट्राइक जैसे अभियानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकता है। कम वजन, अधिक सटीकता और स्वचालित प्रणाली इसे आधुनिक युद्ध के अनुकूल बनाती है।

यह सफलता दिखाती है कि देश के युवा इंजीनियर कैसे सीमित संसाधनों में भी वैश्विक स्तर की तकनीक तैयार कर सकता है। केशवकांत शर्मा की यह उपलब्धि आने वाले समय में अन्य रक्षा उपकरणों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। 



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top