यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। अब ट्रेनों के यात्री डिब्बों और इंजनों में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाएगा। इससे न सिर्फ ट्रेनों में होने वाली अपराधों पर अंकुश लगेगा, बल्कि रेलवे की निगरानी क्षमता भी काफी हद तक बढ़ेगी।
रेलवे ने पहले कुछ चुनिंदा रूट्स पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत सीसीटीवी कैमरा लगाया था। इसके परिणाम उत्साहजनक रहने के कारण अब इस तकनीक को बड़े पैमाने पर लागू करने का निर्णय लिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 70 यात्री डिब्बों और 15,000 इंजनों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दे दी है।
सीसीटीवी कैमरों के लगने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ट्रेनों में चोरी, छेड़छाड़, बैग उठाने जैसी घटनाओं पर लगाम लगेगी। साथ ही, किसी भी आपराधिक घटना के बाद सटीक जांच और दोषियों की पहचान में भी मदद मिलेगी। यह कैमरा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पर भी साफ और उच्च गुणवत्ता की रिकॉर्डिंग देने में सक्षम है। खास बात यह है कि कम रोशनी में भी इनकी विजुअल क्वालिटी प्रभावित नहीं होगी।
रेलवे द्वारा तय योजना के अनुसार, प्रत्येक यात्री कोच में 4 डोम कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा, डिब्बे के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर 2 कैमरे होंगे ताकि यात्रियों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। वहीं, हर लोकोमोटिव (इंजन) में 6 कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे ड्राइवर और सहायक चालक के क्रियाकलापों पर भी नजर रखी जा सके।
हालांक कुछ लोग सीसीटीवी को निजता के उल्लंघन के तौर पर भी देखते हैं, लेकिन रेलवे ने स्पष्ट किया है कि इन कैमरों की निगरानी उच्च अधिकारियों द्वारा की जाएगी और इसका उपयोग केवल सुरक्षा की दृष्टि से होगा। रिकॉर्डिंग को सीमित समय तक ही संग्रहित रखा जाएगा और इसके दुरुपयोग पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे का यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और मजबूत कड़ी जोड़ता है। आने वाले समय में रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म, वेटिंग एरिया और टिकट काउंटर जैसे स्थानों पर भी निगरानी व्यवस्था और मजबूत की जाएगी। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित अलर्ट सिस्टम भी इस निगरानी प्रणाली से जोड़े जाने की योजना है।
भारतीय रेलवे का यह निर्णय यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से एक क्रांतिकारी पहल है। इससे न केवल अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि आम लोगों में यात्रा के दौरान विश्वास और सुरक्षा की भावना भी बढ़ेगी।
