पटना शहर, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि के लिए जाना जाता है, आज एक आधुनिक समस्या से जूझ रहा है वह है - “पार्किंग”। सड़कों पर बेतरतीब ढंग से खड़े वाहन, विशेषकर दोपहिया वाहन, न केवल यातायात को बाधित करता हैं, बल्कि शहर की सुंदरता पर भी ग्रहण लगाता है। इस गंभीर होती समस्या के समाधान के लिए, पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड (पीएससीएल) ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। शहर के सबसे व्यस्त इलाकों में अब अत्याधुनिक हाइड्रोलिक पार्किंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा हैं, जो पार्किंग की परिभाषा ही बदल देगा।
पटना के लोगों ने बुद्ध मार्ग स्थित मल्टी-लेवल कार पार्किंग की सुविधा देखी है। उसी तर्ज पर, अब विशेष रूप से दोपहिया वाहनों के लिए यह हाइटेक व्यवस्था की जा रही है। यह कोई सामान्य पार्किंग नहीं होगी। यह एक उन्नत हाइड्रोलिक लिफ्ट प्लेटफॉर्म पर आधारित प्रणाली है, जो कम से कम जगह में अधिक से अधिक वाहनों को समायोजित करने के लिए डिजाइन की गई है। इस प्रणाली में, एक रोबोटिक शटल डॉली तंत्र का उपयोग किया जाता है। जब बाइक को भूतल पर निर्धारित स्थान पर पार्क करेंगे, तो यह स्वचालित प्रणाली उसे हाइड्रोलिक लिफ्ट की मदद से ऊपर की मंजिलों पर सुरक्षित रूप से पहुंचा देगी। वाहन वापस पाने की प्रक्रिया भी उतनी ही स्वचालित और तीव्र होगी।
परियोजना के पहले चरण में, शहर के तीन सबसे भीड़भाड़ वाले स्थानों को चुना गया है। बोरिंग रोड चौराहा, मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स और कदमकुआं वेंडिंग जोन के पास ये हाइटेक बाइक पार्किंग बनाई जा रही हैं। ₹4.65 करोड़ की अनुमानित लागत से तैयार हो रही इन पार्किंग्स का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए एजेंसी का चयन कर लिया गया है और इसे अगले तीन महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रत्येक पार्किंग में एक साथ 96 दोपहिया वाहन रखे जा सकेंगे, जिससे इन इलाकों में सड़क किनारे होने वाली अवैध पार्किंग पर लगाम लगेगी।
यह पार्किंग सिर्फ जगह ही नहीं बचाएगी, बल्कि वाहन को पूरी तरह सुरक्षित भी रखेगी। पूरी पार्किंग व्यवस्था पार्किंग सेंसर, चौबीसों घंटे चलने वाले सीसीटीवी कैमरों और स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (ANPR) कैमरों से लैस होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वाहन पूरी तरह निगरानी में है।
इसके अतिरिक्त, नागरिकों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। पार्किंग में प्रवेश और निकास के लिए बूम बैरियर, टिकट काउंटर और यहां तक कि स्लॉट की प्री-बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी। भुगतान के बाद मिलने वाली रसीद पार्किंग टोकन और वाहन वापस पाने के लिए रिट्रीवल स्लिप, दोनों का काम करेगी। आपातकालीन स्थितियों के लिए मैनुअल ओवरराइड विकल्प, अग्निशमन उपकरण और बेहतर रोशनी के लिए एलईडी लाइटें भी लगाई जाएंगी।
यह पहल सिर्फ एक पार्किंग सुविधा नहीं है, बल्कि यह पटना को एक व्यवस्थित, सुरक्षित और स्मार्ट शहर बनाने की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है। इन पार्किंग्स के शुरू हो जाने से मौर्यालोक, आयकर गोलंबर, डाक बंगला और बोरिंग रोड जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगने वाले जाम से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
