विश्वासं स्वरूपम् - 369 फीट की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा

Jitendra Kumar Sinha
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राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक राजधानी नाथद्वारा, जहां श्रीनाथजी का दिव्य निवास है, अब एक और दिव्यता से सुशोभित हो चुका है “विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वासं स्वरूपम्’।” यह भव्य प्रतिमा नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर स्थित तत्पदम उपवन में बनाई गई है और इसकी ऊंचाई 369 फीट है। सावन मास के आगमन पर यह स्थल शिव भक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थ बन गया है, जहां आस्था और वास्तुकला एकाकार हो जाता है।

‘विश्वासं स्वरूपम्’ नाम ही अपने आप में आध्यात्मिक संदेश है। भगवान शिव की यह मूर्ति उन्हें ध्यानमग्न मुद्रा में दिखाता है, जैसे वे सृष्टि की गति को नियंत्रित कर रहे हों। इस प्रतिमा को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह न केवल भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि आधुनिक वास्तुकला और शिल्पकला का बेजोड़ नमूना भी प्रस्तुत करता है।

इस शिव प्रतिमा के निर्माण में तकनीकी और आध्यात्मिक दोनों दृष्टियों का समावेश किया गया है। प्रतिमा के अंदर चार हाई-स्पीड लिफ्ट्स, एक विशाल हॉल और एक ‘एक्सपीरियंस गैलरी’ बनाई गई है, जिसमें भगवान शिव के जीवन, उनके अवतारों, उनके सिद्धांतों और हिन्दू धर्म के गूढ़ तत्वों को डिजिटल माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह गैलरी खासकर युवाओं और पर्यटकों को आध्यात्मिकता से जोड़ने का एक प्रयास है।

नाथद्वारा पहले से ही एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, पर अब यह प्रतिमा इसे वैश्विक मानचित्र पर लाने का कार्य कर रही है। यहाँ आने वाले श्रद्धालु केवल दर्शन के लिए नहीं, बल्कि आध्यात्मिक यात्रा और आत्मचिंतन के लिए भी आते हैं। यह स्थल अब धार्मिक पर्यटन का एक नया केंद्र बन चुका है, जो राजस्थान की अर्थव्यवस्था को भी बल प्रदान कर रहा है।

सावन के पावन मास में शिव भक्तों की श्रद्धा इस प्रतिमा के समक्ष और गहरा हो जाता है। जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, भजन संध्या और विशेष पूजन कार्यक्रम यहाँ आयोजित किया जाता है, जिसमें हज़ारों श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं।

‘विश्वासं स्वरूपम्’ न केवल भगवान शिव की भव्य प्रतिमा है, बल्कि यह विश्वास, संस्कृति और सनातन परंपरा का एक जीवंत प्रतीक है। 



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