बेंगलुरु में एक अजीब और विवादास्पद घटना ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जब एक युवक ने ऑटो की सवारी के बाद UPI से भुगतान करने की कोशिश की, लेकिन ऑटो ड्राइवर ने डिजिटल भुगतान लेने से इनकार कर दिया। युवक ने बताया कि उसने ऑनलाइन ऐप से ऑटो बुक किया था और जब यात्रा पूरी हुई तो उसने ऑटो ड्राइवर से QR कोड या फोन नंबर मांगा ताकि वह UPI से भुगतान कर सके। लेकिन ऑटो ड्राइवर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “UPI नहीं लूंगा और बिना पैसे दिए जाने भी नहीं दूंगा।” इस पर युवक ने जवाब दिया कि अगर UPI नहीं लेते तो वह बिना पैसे दिए चला जाएगा। ड्राइवर ने उसे चुनौती दी कि "हिम्मत है तो जा के दिखा।" और युवक सचमुच बिना भुगतान किए वहां से चला गया।
युवक ने इस पूरी बातचीत को रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया और यह घटना तुरंत वायरल हो गई। कुछ लोगों ने युवक की बहादुरी की तारीफ की, लेकिन अधिकतर यूजर्स ने उसकी जमकर आलोचना की। यूजर्स का कहना है कि ऑटो ड्राइवर के पास UPI रखना कोई कानूनी अनिवार्यता नहीं है और ग्राहक के लिए यह जरूरी है कि वह सेवा का उपयोग करने के बाद उसका भुगतान करे, चाहे वह कैश हो या कोई और माध्यम। कई लोगों ने युवक को गैरजिम्मेदार और ओवर-स्मार्ट करार दिया, यह कहते हुए कि डिजिटल इंडिया का मतलब यह नहीं कि हर कोई डिजिटल हो ही गया है।
घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या डिजिटल भुगतान को लेकर ग्राहकों की अपेक्षाएं कभी-कभी हद से ज्यादा नहीं हो जातीं। यह भी साफ हो गया कि हर सेवा प्रदाता को मजबूर नहीं किया जा सकता कि वह UPI को स्वीकार करे। साथ ही यह भी बहस छिड़ गई कि क्या ग्राहक का बिना भुगतान किए चले जाना एक प्रकार की चोरी नहीं है। इस मामले ने तकनीक, नैतिकता और कानून की सीमाओं पर समाज को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
