जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति के पद से अचानक इस्तीफे के कुछ मिनटों बाद, दो वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें फोन किया। यह फोन कॉल राज्यसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग नोटिस को स्वीकार करने की प्रक्रिया के दौरान हुई थी। इसमें संकेत दिया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस फैसले से नाराज़ हैं।
बताया जा रहा है कि ये फोन कॉल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री व राज्यसभा नेता जे.पी. नड्डा और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने की थी। रिजिजू ने धनखड़ को बताया कि लोकसभा में महाभियोग प्रक्रिया के लिए एक सामूहिक सहमति के माध्यम से आगे बढ़ने की प्रथा होती है, और इस नोटिस पर राहुल गांधी ने भी हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही उन्होंने स्पष्ट इशारा किया कि प्रधानमंत्री इस अचानक कदम से संतुष्ट नहीं हैं। वहीं धनखड़ ने जवाब दिया कि वो सिर्फ सदन के नियमों के अनुसार कार्य कर रहे हैं।
राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी समिति की दोपहर 12:30 बजे बैठक और शाम 4:30 बजे दूसरी बैठक हुई। दूसरी बैठक में दोनों मंत्री नड्डा और रिजिजू शामिल नहीं हुए। इसके कुछ समय बाद ही धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
