बिहार ने ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की संवर्द्धन नीति–2025’ और ‘बिहार पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रमोशन पॉलिसी 2025’ का पटना के ज्ञान भवन में लोकार्पण किया। इस अवसर पर राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, बीइआरसी के चेयरमैन आमिर सुबहानी, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, ऊर्जा सचिव सह बीएसपीएचसीएल के सीएमडी मनोज कुमार सिंह, बियाडा के एमडी कुंदन कुमार, एमएनआरई निदेशक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी, निवेशक और उद्योग जगत से जुड़े प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में देश की अग्रणी ऊर्जा कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों ने भाग लिया जिनमें टाटा पावर, एनटीपीसी ग्रीन, अडानी पावर, लार्सन एंड टुब्रो, अवाडा, विक्रम सोलर, ग्रीनको, गोदरेज एंटरप्राइजेज, सिक्योर मीटर्स, ईईएसएल, सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, ई एंड वाई, इंटेलीस्मार्ट और अन्य प्रमुख नाम शामिल हैं। इन कंपनियों ने बिहार सरकार की दोनों नई नीतियों की प्रशंसा की और राज्य को निवेश के लिए अत्यंत अनुकूल गंतव्य बताया।
इस कार्यक्रम में कई बड़े समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। ब्रेडा और अवाडा के बीच 1 गीगावाट की ग्राउंड माउंटेड एवं फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं के विकास हेतु समझौता हुआ। बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के बीच ₹3,000 करोड़ की फ्लोटिंग सोलर और अन्य परियोजनाओं पर साझेदारी हुई। लार्सन एंड टुब्रो के साथ कजरा, लखीसराय में ₹837.66 करोड़ की लागत से 116 मेगावाट/241 मेगावाट घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम परियोजना का समझौता हुआ। वहीं, एनटीपीसी ग्रीन के साथ 1000 मेगावाट की बैटरी स्टोरेज परियोजना हेतु ₹1,500 करोड़ के निवेश की घोषणा की गई।
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने भाषण में कहा कि बिहार सरकार द्वारा जारी की गई ये नीतियां राज्य को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में अग्रणी बनाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ नीति बनाना नहीं है, बल्कि निवेशकों को हर वह सुविधा और समर्थन देना है, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपने प्रोजेक्ट पूरे कर सकें। उन्होंने बिहार को देश-विदेश के ऊर्जा निवेशकों के लिए एक विश्वसनीय गंतव्य बताया और उन्हें आमंत्रित किया।
उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि सरकार ऊर्जा क्षेत्र को उद्योगों से जोड़कर एक समग्र विकास मॉडल स्थापित करने पर काम कर रही है। जल्द ही बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 भी लागू की जाएगी, जो पारंपरिक और स्वच्छ ऊर्जा दोनों क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने जानकारी दी कि गया जिले में 1700 एकड़ में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जा रहा है जहां कंपनियां निवेश कर सकेंगी। उन्होंने इस पहल को बिहार के आत्मनिर्भर भविष्य की नींव बताया।
ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि नई नीतियों के तहत स्टेट जीएसटी में 100 प्रतिशत छूट, स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर पूरी छूट, एसटीयू चार्ज से छूट और मशीनरी के आयात पर 5 वर्षों तक कस्टम ड्यूटी में छूट जैसे कई प्रोत्साहन दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि लाइसेंसिंग प्रक्रिया को सरल किया गया है, भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है और समयबद्ध अनुमोदन की व्यवस्था की गई है ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बीईआरसी के चेयरमैन आमिर सुबहानी ने स्पष्ट किया कि यदि नीतिगत बदलाव की आवश्यकता महसूस हुई तो आयोग उसमें सहयोग करेगा और उद्योग जगत से सुझाव लेकर सकारात्मक कदम उठाएगा। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि नियामक के स्तर पर हर जरूरी पहल की जाएगी।
कार्यक्रम के अंत में एसबीपीडीसीएल और बीएसपीजीसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार ने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि बिहार अब नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। यह कार्यक्रम केवल एक नीति उद्घाटन नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा क्रांति में बिहार की निर्णायक भागीदारी की शुरुआत है।
