तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाल ही में आरजेडी से छह साल के लिए निष्कासित किए गए तेज प्रताप ने अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर आरजेडी के आधिकारिक हैंडल के साथ-साथ अपनी तीन बहनों—मीसा भारती, राजलक्ष्मी यादव और हेमा यादव—को अनफॉलो कर दिया है। यह डिजिटल दूरी कहीं न कहीं पारिवारिक और राजनीतिक रिश्तों में खटास की ओर इशारा करती है।
हालांकि उन्होंने अभी भी लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को फॉलो किया हुआ है, लेकिन यह सियासी सस्पेंस कम नहीं करता। कुछ दिनों पहले उन्होंने एक काल्पनिक ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी से भाजपा में शामिल होने की "पेशकश" पर मज़ाकिया जवाब दिया था—"मेरी खुद की पार्टी है, आप उसमें शामिल हो जाइए।"
तेज प्रताप ने साफ किया है कि वे अब आरजेडी के सहारे नहीं रहेंगे और 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ग़लत सलाहकारों से घिरे हैं और पार्टी अब “अहंकार की आग में जल रही है।”
उनका यह दावा भी सामने आया कि पार्टी ने महुआ से उन्हें टिकट नहीं देने की साजिश रची, जबकि वो उस क्षेत्र के पुराने विधायक रह चुके हैं। ऐसे में उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और यहां तक कह दिया कि अगर जनता ने समर्थन दिया, तो वो तंबू में भी रहकर महुआ का विकास करेंगे।
तेज प्रताप की ये सारी गतिविधियां यह संकेत देती हैं कि वह न सिर्फ राजनीतिक तौर पर बल्कि पारिवारिक स्तर पर भी अपने रिश्तों को पुनर्परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया है कि वो अब किसी राजनीतिक परिवार की छत्रछाया में नहीं, बल्कि अपने बल पर राजनीति करेंगे। यह बगावत सिर्फ एक्स पर अनफॉलो करने तक सीमित नहीं है, यह आने वाले चुनावों में आरजेडी के लिए सिरदर्द बन सकती है।
बिहार की राजनीति में जहां आमतौर पर खानदान की एकजुटता देखी जाती रही है, तेज प्रताप का यह डिजिटल और राजनीतिक विद्रोह आने वाले महीनों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
