भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट (LOC) देने की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में एक नया आयाम जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते महासागर की गहराई जितने मजबूत हैं। इस LOC का उद्देश्य मालदीव में बुनियादी ढांचे, सड़क निर्माण, जल निकासी व्यवस्था, और सामाजिक आवास परियोजनाओं जैसी प्रमुख विकास योजनाओं को समर्थन देना है। प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान मालदीव को 72 वाहन और सुरक्षा उपकरण भी सौंपे गए, जिससे रक्षा सहयोग और मजबूत हुआ है। इसके अलावा, माले में रक्षा मंत्रालय की नई इमारत का उद्घाटन किया गया, जिसे मोदी ने “भरोसे की इमारत” बताया।
भारत ने मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान में 40 प्रतिशत की कटौती भी की है, जिससे उसकी वित्तीय स्थिति में राहत मिलेगी। इस फैसले के तहत सालाना भुगतान 51 मिलियन डॉलर से घटाकर 29 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत शुरू करने का भी फैसला लिया है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में और तेजी आने की संभावना है। मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों की वर्षगांठ के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। इस यात्रा को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि राष्ट्रपति मुइज्जू की शुरुआत में भारत के प्रति रुख थोड़ा ठंडा रहा था, लेकिन अब भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग को प्राथमिकता दी जा रही है।
दोनों नेताओं ने डिजिटल भुगतान, मौसम विज्ञान, समुद्री सुरक्षा और निवेश जैसे क्षेत्रों में भी सहयोग को विस्तार देने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि मालदीव भारत की 'पड़ोसी प्रथम' नीति का एक अहम हिस्सा है और भविष्य में यह रिश्ता और गहराएगा। इस पूरी यात्रा ने स्पष्ट कर दिया है कि भारत न सिर्फ एक आर्थिक भागीदार है बल्कि एक रणनीतिक, भरोसेमंद और दीर्घकालिक साथी भी है।
