मतदाता सूची घोटाले का आरोप, तेजस्वी बोले – विचार कर रहे हैं चुनाव का बहिष्कार

Jitendra Kumar Sinha
0

 



बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में विशेष संशोधन (SIR) को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने संकेत दिया है कि अगर निर्वाचन आयोग ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं दिखाई और गड़बड़ियों को सुधारा नहीं गया, तो महागठबंधन चुनाव बहिष्कार जैसे विकल्प पर गंभीरता से विचार कर सकता है। तेजस्वी ने कहा कि इस मुद्दे पर महागठबंधन की बैठक होगी जिसमें सभी घटक दलों से चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।


तेजस्वी यादव ने मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरी कवायद गरीब, मजदूर और हाशिए पर खड़े समुदायों के वोट काटने के लिए की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया के तहत 35 लाख से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया।


उन्होंने यह भी कहा कि अगर वोट देने का अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो फिर चुनाव कराने का औचित्य क्या रह जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव का बहिष्कार कोई भावनात्मक फैसला नहीं होगा, बल्कि जनता और गठबंधन दलों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा। उनका कहना था कि अगर यह साबित हो गया कि चुनाव की प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं रही, तो उसमें भाग लेना सिर्फ दिखावा होगा।


महागठबंधन के अन्य दलों – जैसे कांग्रेस, वाम दल और अन्य – ने भी SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह कवायद सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर हो रही है ताकि विपक्षी दलों के समर्थकों के नाम काटे जा सकें। गठबंधन के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि वे इस मुद्दे को लेकर जल्द ही चुनाव आयोग से मिल सकते हैं और औपचारिक शिकायत दर्ज करेंगे।


तेजस्वी यादव के बयान से बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। चुनाव के बहिष्कार की आशंका ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। यह देखना अब दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या महागठबंधन सचमुच इस विकल्प को अपनाता है या सिर्फ दबाव की रणनीति के तहत इसे उछाला गया है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top