ट्रंप के दावे को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री ने नकारा, कहा भारत-पाक युद्धविराम आपसी समझ से हुआ

Jitendra Kumar Sinha
0

 



पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम कराने में अहम भूमिका निभाई थी। कसूरी ने स्पष्ट किया कि 10 मई को घोषित युद्धविराम दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के आपसी सहमति और समझदारी का परिणाम था, न कि किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप या दबाव का।


उन्होंने कहा कि युद्धविराम किसी सैन्य स्तर की बातचीत या अमेरिका की मध्यस्थता से नहीं हुआ था, बल्कि यह भारत और पाकिस्तान की राजनीतिक नेतृत्व के बीच हुए सीधें संवाद का नतीजा था। कसूरी ने यह बात एक वर्चुअल सेमिनार के दौरान रखी, जिसमें उन्होंने बताया कि दोनों देशों की सरकारों को यह अहसास हो गया था कि हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं और इसलिए उन्हें तत्काल कदम उठाने की जरूरत थी।


इससे पहले ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों को युद्ध से रोका था और उनकी पहल पर संघर्षविराम हुआ था। लेकिन कसूरी ने कहा कि ऐसी बातें तथ्यात्मक नहीं हैं और अमेरिका का इसमें कोई योगदान नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-पाक के बीच हुए किसी भी शांति समझौते में अमेरिकी भूमिका का कोई दस्तावेजी या व्यावहारिक प्रमाण नहीं है।


भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी पहले ही साफ कर दिया था कि भारत किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता और भारत-पाक के बीच जो भी वार्ता या समझौते होते हैं, वे पूरी तरह द्विपक्षीय होते हैं। जयशंकर ने यह भी बताया था कि युद्धविराम को लेकर सेना के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) स्तर पर सीधा संवाद हुआ था और उसी के आधार पर यह निर्णय लिया गया।


इस तरह ट्रंप के दावे को भारत और पाकिस्तान दोनों ने नकार दिया है। यह स्पष्ट हो चुका है कि युद्धविराम किसी विदेशी दबाव या मध्यस्थता का परिणाम नहीं था, बल्कि यह दोनों देशों की अपनी जिम्मेदारी, कूटनीति और रणनीतिक सोच का परिणाम था।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top