पटना के पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या का मामला अब पूरी तरह से गैंगवार का चेहरा ले चुका है। यह हत्या एक योजनाबद्ध साजिश थी, जिसे बेहद चालाकी और ठंडे दिमाग से अंजाम दिया गया। घटना 17 जुलाई की सुबह करीब 7:15 बजे हुई, जब दो बाइक पर सवार छह अपराधी अस्पताल पहुँचे। उनमें से पांच लोग सीधे अस्पताल के कमरे नंबर 209 में घुसे, जहाँ चंदन मिश्रा भर्ती थे। महज आठ से दस सेकंड में उन्होंने उन पर गोलियां चलाईं और फिर उतनी ही सहजता से बाहर निकलकर हथियार लहराते हुए फरार हो गए।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि सबसे पहले दाखिल हुआ शूटर कमरे के अंदर करीब 36 सेकंड तक रुका, मानो योजना को अंतिम रूप दे रहा हो। यह वारदात न सिर्फ अस्पताल जैसी सुरक्षित जगह में हुई, बल्कि अपराधियों का आत्मविश्वास इस कदर था कि उन्होंने बाहर निकलने के बाद बाइक पर भागते हुए जश्न भी मनाया।
इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड निकला फुलवारी शरीफ का रहने वाला तौसीफ बादशाह, जो पहले भी अस्पताल आता-जाता था और उसे वहाँ की आंतरिक व्यवस्था की पूरी जानकारी थी। उसने ही पूरी योजना तैयार की और बाकायदा टीम बनाकर इस हत्या को अंजाम दिलवाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस हत्याकांड का आदेश जेल में बंद शेरू सिंह ने दिया था, जो चंदन मिश्रा का पुराना दुश्मन था।
घटना के 24 घंटे के भीतर बिहार एसटीएफ और पटना पुलिस की टीम ने पश्चिम बंगाल में छापेमारी कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें तौसीफ बादशाह के अलावा मनु सिंह, बलवंत सिंह, सूरजभान और एक अन्य शामिल हैं। सभी को अब पटना लाया जा रहा है, जहाँ उनसे कड़ी पूछताछ की जाएगी।
शुरुआती एफआईआर अस्पताल प्रशासन और चंदन मिश्रा के पिता की ओर से दर्ज कराई गई थी। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि चंदन की अस्पताल में भर्ती की जानकारी अपराधियों को सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी। यानी यह घटना अचानक नहीं, बल्कि सोशल मीडिया इंटेलिजेंस और ज़मीनी प्लानिंग का एक खतरनाक मेल थी।
यह हत्या सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था पर करारा तमाचा है। अस्पताल जैसे स्थान में इस तरह की खुली गोलीबारी और शूटरों का आत्मविश्वास इस बात की ओर इशारा करता है कि अपराधियों को अब किसी भी डर की परवाह नहीं। यह मामला अब सिर्फ हत्या का नहीं, बल्कि राज्य की सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियों की भी एक बड़ी परीक्षा बन गया है।
फिलहाल पुलिस पूरे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश में जुटी है और इस केस से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है। यह साफ हो चुका है कि यह कोई साधारण रंजिश नहीं, बल्कि एक संगठित गैंगवार था, जिसका खात्मा अब राज्य सरकार और पुलिस के लिए चुनौती बन चुका है।
