बिहार चुनाव 2025 की हलचल के बीच पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक बार फिर सबका ध्यान खींचा है। 'द प्लुरल्स पार्टी' की अध्यक्ष ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। वे अपने मास्क पहनने की वजह भी सामने लाई हैं, जो अब तक रहस्य बना हुआ था। उनका कहना है कि जब तक बिहार की राजनीति उनके विकास एजेंडे और विचारधारा को गंभीरता से नहीं लेती, तब तक वे मास्क नहीं हटाएंगी। यह प्रतीकात्मक विरोध है उन राजनैतिक धाराओं के खिलाफ, जो महिलाओं को केवल भाषणों में सशक्त करना चाहती हैं, लेकिन नेतृत्व देने से कतराती हैं।
पुष्पम प्रिया ने खुलकर कहा है कि बिहार को अब महिला मुख्यमंत्री की ज़रूरत है। उन्होंने चुनौती दी है कि चाहे वह एनडीए हो या इंडिया गठबंधन, कोई भी गठबंधन अगर बिहार के लिए वाकई बदलाव चाहता है तो महिला को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए। उनका कहना है कि 15 वर्षों तक एक ही व्यक्ति या परिवार को सत्ता में रखकर विकास की बात करना सिर्फ दिखावा है। वे मानती हैं कि महिला नेतृत्व ही बिहार की राजनीति की दिशा बदल सकता है।
2020 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जोरदार एंट्री की थी, हालांकि तब उन्हें सीट नहीं मिली। लेकिन इस बार उनकी रणनीति कहीं ज्यादा आक्रामक और साफ दिखाई दे रही है। उनका चुनाव एजेंडा जातिवाद और पारिवारिक राजनीति से ऊपर उठकर विकास, शिक्षा, और रोजगार जैसे मुद्दों पर केंद्रित है। उनके अनुसार बिहार की जनता को अब नए विकल्प की तलाश है, जो पुराने चेहरों से नहीं बल्कि नई सोच और नेतृत्व से आएगा।
पुष्पम प्रिया की यह घोषणा न केवल सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है बल्कि मतदाताओं में भी एक नई उम्मीद जगा रही है। उनके नेतृत्व में 'द प्लुरल्स पार्टी' अगर वाकई जमीनी स्तर पर पकड़ बना पाती है, तो बिहार की राजनीति में यह चुनाव एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
