तेज प्रताप यादव ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उनके भाई तेजस्वी यादव को राजनीति में लाने वाले वह ही थे। तेजस्वी उस समय आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स की ओर से क्रिकेट खेल रहे थे, पर तेज प्रताप ने उन्हें राजनीति की दिशा दी और अरवल में उनकी पहली बड़ी जनसभा आयोजित कर दी। राजद से निष्कासित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजनीति ऐसी ही है—“पार्टी में जयचंद” हैं जो सब कुछ करवा रहे हैं। तेज प्रताप ने साफ कहा कि उनका तेजस्वी को समर्थन था, है और रहेगा, लेकिन अब जबकि वे अलग रुख पर हैं, राजनीतिक मोर्चाभर में कुछ भी हो सकता है—उनके मुताबिक, विरोधियों ने दोनों भाइयों की दूरी बढ़ाने की कोशिश की, लेकिन इस पर उनका असर नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में जादू-टोना होने की आशंका जताई जा सकती है, पर उसका असर उन पर नहीं होता।
तेज प्रताप ने यह कहा कि वे ‘चिपकूराम सीएम’ नहीं बनना चाहते, बल्कि ‘किंगमेकर’ की भूमिका निभाएंगे, जैसा उनके पिता लालू यादव थे। उन्होंने सोशल मीडिया की चर्चाओं पर कहा कि उन्होंने नया अकाउंट बनाया था, अनफॉलो जैसे कदम उसमें किए गए, और इसे सोशल मीडिया का हिस्सा बताया।
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि वर्तमान में तेजस्वी के राजनीतिक सफर को उन्होंने ही शुरू किया था—उन्होंने कहा, “हमने ही उनकी राजनीति में एंट्री करवायी।” तेजस्वी के समर्थन की बात करते हुए, तेज प्रताप ने जो रिलेशनशिप विवाद और निष्कासन हुआ, उसे राजनीति की सच्चाई बताया।
इस बयान ने लालू–राबड़ी परिवार के भीतर चल रहे राजनीतिक संघर्षों पर एक नया प्रकाश डाला है, जहां तेज प्रताप ने खुद को एक स्वतंत्र राजनीतिक हस्ती के रूप में स्थापित करने की कोशिश शुरू कर दी है
