बिहार विधानसभा में बुधवार को उस समय भारी हंगामा मच गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी आमने-सामने आ गए। सदन का माहौल इतना गरम हो गया कि कुछ देर के लिए कार्यवाही रोकनी पड़ी। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे घटनाक्रम के दौरान चुपचाप बैठे रहे और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। विपक्ष ने इसे "साजिश के तहत चुप्पी" बताया।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक और खुद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सदन में मां-बहनों को लेकर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सत्ता पक्ष को लगता है कि वे ऐसे अपमान को चुपचाप सह लेंगे, तो यह उनकी भूल है। तेजस्वी ने सम्राट चौधरी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें थोड़ी भी शर्म बची है, तो वे विधानसभा में सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष सदन की मर्यादा का लगातार उल्लंघन कर रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सब कुछ देखकर भी अनदेखा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि लोकतंत्र और संविधान को सत्ता पक्ष की ओर से दबाने की कोशिश की जा रही है।
इस घटनाक्रम के बाद विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और कार्यवाही बाधित हो गई। स्पीकर को बार-बार हस्तक्षेप करना पड़ा लेकिन स्थिति बेकाबू हो गई। अंततः सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
पूरा मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है और विपक्ष ने साफ कहा है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, वे विधानसभा की कार्यवाही को नहीं चलने देंगे। वहीं, सत्ता पक्ष ने तेजस्वी के आरोपों को राजनीतिक नौटंकी बताया है और कहा है कि वह हार के डर से माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार विधानसभा में जो कुछ हुआ, उसने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राज्य की राजनीति अब पूरी तरह टकराव के रास्ते पर है, और आने वाले चुनाव से पहले ऐसे टकराव और तेज़ हो सकते हैं।
