पटना का जेपी गंगा पथ अब केवल सड़क नहीं, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को जीवंत करने वाला प्रमुख पर्यटन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। राजधानी के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में गंगा की महत्ता को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की तैयारी की जा रही है। इसी कड़ी में गंगा के नामों पर आधारित 15 से अधिक भव्य आर्क गेट लगाए जाने की योजना ने शहरवासियों और पर्यटकों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।
गंगा केवल एक नदी नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था की धुरी है। शास्त्रों और पुराणों में गंगा के कई नामों का उल्लेख मिलता है, मंदाकिनी, देव नदी, भागीरथी, सुरसरिता, जाह्नवी, त्रिपथगा आदि। जेपी गंगा पथ पर बन रहे आर्क गेट इन्हीं नामों को अपने ऊपर अंकित कर गंगा की पवित्रता और महिमा का संदेश देगा। प्रत्येक गेट की ऊंचाई 25 फुट होगी, जो इसे भव्यता और आकर्षण का अद्वितीय स्वरूप प्रदान करेगा।
गंगा पथ को पर्यटन की दृष्टि से सजाने के लिए प्रशासन ने खास पहल की है। आर्क गेटों के निर्माण हेतु चेन्नई से विशेष कारीगरों को बुलाया गया है। उनके कौशल और कला से इन गेटों में पारंपरिक और आधुनिक शिल्पकला का अद्भुत संगम दिखाई देगा। यह न केवल पटना के सौंदर्य को नयी पहचान देगा, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा।
करीब 13,500 वर्ग फुट क्षेत्र में “गंगा किनारे” नामक परियोजना पर कार्य आरंभ हो चुका है। यह प्रोजेक्ट न केवल पर्यटकों के लिए एक मनोरंजन स्थल होगा, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी गंगा की महिमा को उजागर करेगा। इसमें आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक स्पर्श झलकता नजर आएगा।
पर्यटन स्थलों का आकर्षण तभी बढ़ता है जब वहां खान-पान और विश्राम की उचित व्यवस्था हो। इसी सोच के तहत दीघा गोलंबर के पास एक आधुनिक और भव्य फूड कोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। यहां आने वाले पर्यटक स्थानीय व्यंजनों से लेकर आधुनिक पकवानों का स्वाद ले सकेंगे। फूड कोर्ट के प्रवेश द्वार को भी कलात्मक और आकर्षक बनाया जाएगा।
जेपी गंगा पथ पर बनने वाले यह आर्क गेट केवल सजावटी संरचना नहीं होगा, बल्कि गंगा की महिमा, भारतीय परंपरा और बिहार की पहचान का प्रतीक होगा। यह पहल न केवल पटना को पर्यटन के नक्शे पर और मजबूत जगह दिलाएगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और व्यापार को भी बढ़ावा देगी।
गंगा के नामों पर आधारित यह भव्य द्वार, आधुनिक सुविधाओं से युक्त फूड कोर्ट और “गंगा किनारे” जैसी परियोजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि आने वाले वर्षों में पटना गंगा पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनेगा।
गंगा पथ पर बनने वाले आर्क गेट सिर्फ ईंट-पत्थर की संरचनाएं नहीं, बल्कि गंगा के प्रति श्रद्धा, संस्कृति और इतिहास की जीवित तस्वीर होगा। यह परियोजना पटना को एक नए रूप में प्रस्तुत करेगा, जहां आस्था, पर्यटन और आधुनिकता का सुंदर संगम दिखाई देगा।
