भारतीय क्रिकेट से जुड़ी एक बड़ी और मानवीय पहल सामने आई है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) की स्वीकृति के बाद भारतीय क्रिकेटर्स संघ (ICA) ने दिवंगत क्रिकेटरों की पत्नियों के लिए आर्थिक सहयोग की योजना शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत दिवंगत क्रिकेटरों की पत्नियों को एक लाख रुपये की एकमुश्त सहायता राशि (One Time Benefit) प्रदान की जाएगी।
क्रिकेट केवल एक खेल नहीं बल्कि खिलाड़ियों के लिए जीवन का आधार होता है। कई ऐसे क्रिकेटर हुए हैं जिन्होंने अपने राज्य या घरेलू स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय पहचान न बना पाने के कारण उन्हें आर्थिक रूप से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पाया। उनके निधन के बाद उनके परिवार, विशेषकर पत्नियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
इसी स्थिति को देखते हुए ICA ने यह योजना लागू की है ताकि दिवंगत क्रिकेटरों के परिवारों को आर्थिक राहत मिल सके और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवनयापन में मदद मिले।
यह योजना केवल ICA के दिवंगत सदस्यों की पत्नियों के लिए है। इसमें अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेटरों की पत्नियां शामिल नहीं होगी क्योंकि उन्हें पहले से ही BCCI और अन्य स्रोतों से पर्याप्त पेंशन या वित्तीय सहयोग मिलता है।
इस योजना का उद्देश्य उन क्रिकेटरों के परिवारों को मदद पहुंचाना है जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपनी पूरी जिन्दगी झोंक दी लेकिन आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार नहीं बना सके।
भारतीय क्रिकेटर्स संघ (ICA) खिलाड़ियों की भलाई के लिए लगातार काम करता रहा है। BCCI के समर्थन से यह नई पहल क्रिकेट परिवार के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाती है। यह कदम दर्शाता है कि क्रिकेट बोर्ड और संघ केवल खेल के मैदान पर ही नहीं बल्कि खिलाड़ियों के जीवन और उनके परिवारों की जिम्मेदारी निभाने में भी आगे हैं।
यह आर्थिक सहयोग केवल पैसों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है। जिन खिलाड़ियों ने कभी क्रिकेट को जीवित रखा है, उनके परिवारों को यह संदेश देना जरूरी है कि समाज और संगठन उनके साथ खड़े हैं।
एक लाख रुपये की राशि भले ही जीवन की सभी समस्याओं का समाधान न हो, लेकिन यह निश्चित रूप से परिवारों के लिए सहारा बनेगी और उन्हें यह एहसास कराएगी कि उनके प्रियजन के योगदान को भुलाया नहीं गया है।
भारतीय क्रिकेटर्स संघ और BCCI की यह पहल एक सकारात्मक संदेश देती है कि क्रिकेट केवल चमक-दमक वाला खेल नहीं बल्कि संवेदनाओं से जुड़ा परिवार है। दिवंगत क्रिकेटरों की पत्नियों को आर्थिक मदद देना उनके योगदान के प्रति श्रद्धांजलि है। यह कदम भविष्य में और भी बड़े स्तर की योजनाओं का आधार बन सकता है।
